नई दिल्ली, 5 मार्च । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्रों ने मंगलवार को संदेशखाली की घटना के विरोध में दिल्ली स्थित बंग भवन पर पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्रों ने अपराधियों पर जल्द से जल्द सख़्त कार्रवाई करने की मांग की।
प्रदर्शन में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष तुषार डेढ़ा समेत सैकड़ों छात्र मौजूद रहे। पश्चिम बंगाल के उत्तर चौबीस परगना जिला स्थित संदेशखाली इलाके में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेता पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न व लोगों की जमीन हड़पने का आरोप लगा है। इस घटना के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मंगलवार को पूरे देश भर में पश्चिम बंगाल की सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
इस क्रम में दिल्ली स्थित बंग भवन के सामने प्रदर्शन कर दोषियों पर सख़्त से सख़्त कार्रवाई करने की मांग की गई। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना था कि पश्चिम बंगाल की सरकार पूरी तरीके से भ्रष्ट हो चुकी है। सरकार कमजोर वर्गों और महिलाओं के साथ लगातार शोषण करने एवं स्थानीय माफियाओं और गुंडों को संरक्षण देने का काम कर रही है।
विद्यार्थी परिषद ने इस संदर्भ में राष्ट्रपति को संबोधित 5 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा है। संदेशखाली के पूरे प्रकरण की उच्च-स्तरीय जांच केंद्रीय एजेंसियों से कराने की मांग की गई है। छात्रों का कहना है कि महिलाओं पर हुई हिंसा न्यायिक संस्थानों तक पहुंचाने हेतु हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराया जाना चाहिए। न्याय की सुगमता हेतु पीड़ित महिलाओं को निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान कराई जाए, वर्षों के मानसिक शोषण से धीरे-धीरे उबरने हेतु इन महिलाओं को मनोचिकित्सकों द्वारा परामर्श सत्रों की भी सुविधा प्रदान की जानी चाहिए।
विद्यार्थी परिषद के हर्ष अत्री ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि पश्चिम बंगाल के संदेशखाली की घटना हृदय विदारक है। एक महिला शासित मुख्यमंत्री के प्रदेश में महिलाओं के साथ इस प्रकार की घटना होना यह दिखाता है कि ममता सरकार किस प्रकार से महिलाओं तथा वंचितों के साथ दुर्व्यवहार कर रही है। इस केस के मास्टरमाइंड शेख शाहजहां पर कार्रवाई न करना दिखाता है कि पश्चिम बंगाल की सरकार किस प्रकार से लुटेरे एवं बलात्कारी को बचाने का काम कर रही है।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की सचिव अपराजिता ने कहा कि पश्चिम बंगाल की संदेशखाली की घटना के विरोध में हमने दिल्ली स्थित बंग भवन के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। संदेशखाली की घटना से हमें दिखता है कि ममता सरकार किस प्रकार से गुंडों और बलात्कारियों को पालने का काम कर रही है।