गुवाहाटी, 28 अक्टूबर । 2,000 मेगावाट की लोअर सुबनसिरी जलविद्युत परियोजना भूस्खलन से आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गई है। इस कारण सुबनसिरी नदी का बहाव भी प्रभावित हुआ है। यह परियोजना वर्तमान में असम और अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर निर्माणाधीन है।
एनएचपीसी (नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ”उपयोग में आने वाली 5 डायवर्जन सुरंगों में डायवर्जन सुरंग 1 शुक्रवार को लगभग 11:30 बजे भूस्खलन से बंद हो गई थी।”
निर्माण पूरा होने के बाद अन्य चार डायवर्जन सुरंग पहले से ही बंद थी। नतीजतन, नदी के बहाव में उल्लेखनीय कमी आई है। बांध स्पिलवे खाड़ी में समुद्र का औसत स्तर 145 मीटर है।
जलाशय अपने वर्तमान 997 घन मीटर/सेकंड नदी प्रवाह को बरकरार रखे हुए है, और इसका जल स्तर बढ़ रहा है। दोपहर 1 बजे जलस्तर बढ़कर 139 मीटर हो गया।
अधिकारी ने बताया, ”अनुमान है कि शाम तक जल स्तर 145 मीटर तक पहुंच जाएगा, जिस बिंदु पर नदी एक बार फिर स्पिलवे और डाउनस्ट्रीम पर नियमित रूप से बहने लगेगी।
गौरतलब है कि यह उसी स्थान पर दूसरा भूस्खलन है। यह परियोजना मार्च में इसी तरह की आपदा से प्रभावित हुई थी।
अधिकारी ने कहा, ”हम पहाड़ों में काम करते हैं, इसलिए निर्माण गतिविधि से इस तरह की घटनाएं उत्पन्न हो सकती हैं। जिन वर्षों में निर्माण चल रहा था, हमने डायवर्जन सुरंगों का भी लाभ उठाया।”
हालांकि, अधिकारी ने दावा किया कि जलविद्युत परियोजना का संचालन समय पर शुरू हो जाएगा। यह परियोजना मार्च 2024 में शुरू होने की उम्मीद है। कई पर्यावरणविद् अरुणाचल प्रदेश में जलविद्युत परियोजनाओं का कड़ा विरोध कर रहे हैं।