मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज विपक्ष को चुनौती दी कि अगर पेखूबेला सौर ऊर्जा परियोजना में किसी गड़बड़ी का संदेह है, तो वह इसकी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जाँच कराने की माँग करे। जसवां-परागपुर के विधायक बिक्रम सिंह ठाकुर द्वारा परियोजना में गड़बड़ी के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “सीबीआई पहले से ही एचपीपीसीएल के मुख्य अभियंता विमल नेगी की मौत के मामले की जाँच कर रही है। अगर विपक्ष को इस परियोजना में किसी गड़बड़ी का संदेह है, तो वह इसकी ईडी से जाँच कराने की माँग कर सकता है।”
बिक्रम ने नियम 63 के तहत हरित क्रांति पर चर्चा की शुरुआत करते हुए यह मुद्दा उठाया। यह परियोजना सिंचाई योजनाओं के माध्यम से कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने में मदद करेगी। उन्होंने बताया कि 32 मेगावाट की इस बिजली परियोजना की योजना क्षेत्र में हरित क्रांति लाने के लिए बनाई गई थी, लेकिन उन्होंने कहा कि खराब इंजीनियरिंग और घटिया डिज़ाइन के कारण भारी बारिश के बाद यह परियोजना डूब गई और इससे लगभग कोई बिजली उत्पादन नहीं हुआ। उन्होंने आगे कहा, “यह परियोजना आवश्यक ऊँचाई पर स्थापित नहीं की गई थी, जिसके कारण यह डूब गई। सभी इन्वर्टर और अन्य उपकरण काम नहीं कर रहे हैं।”
जसवां-परागपुर विधायक ने आरोप लगाया कि परियोजना को क्रियान्वित करने वाली कंपनी को अनुचित लाभ पहुँचाया गया। उन्होंने आरोप लगाया, “कंपनी को आठ साल के लिए संचालन और रखरखाव का ठेका दिया गया था, लेकिन 99 प्रतिशत भुगतान हो जाने के बावजूद वह गायब हो गई।” उन्होंने आगे कहा कि कंपनी को लाभ पहुँचाने के लिए परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) में कई बार संशोधन किया गया
Leave feedback about this