मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा को बताया कि उनकी सरकार हिमकेयर स्वास्थ्य योजना में कथित अनियमितताओं की विस्तृत जांच कराएगी। वह प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक विनोद कुमार और त्रिलोक जामवाल द्वारा संयुक्त रूप से पूछे गए प्रश्न का उत्तर दे रहे थे।
विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने भी हस्तक्षेप करते हुए आरोप लगाया कि सरकार इस योजना को सही अर्थों में लागू करने के प्रति गंभीर नहीं है। हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत पिछले वर्षों में किए गए व्यय का वर्तमान में राज्य के मुख्य महालेखाकार द्वारा ऑडिट किया जा रहा है। इसके अलावा, यदि कोई आपराधिक षडयंत्र हुआ है, तो उसकी भी सरकार द्वारा विस्तृत जाँच कराई जाएगी।
सुखू ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि कई निजी अस्पतालों को इस योजना से अनुपातहीन लाभ मिला है, जिसके कारण इसका मूल उद्देश्य पूरा नहीं हो पाया है। उन्होंने सदन को बताया, ‘‘हिमकेयर की मूल भावना के साथ छेड़छाड़ करके भ्रष्टाचार किया गया है।’’ उन्होंने कहा कि इसके बावजूद गरीब और जरूरतमंदों को इस योजना के तहत इलाज मिलता रहा।
मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्यों और चिकित्सा अधीक्षकों को आपातकालीन मामलों में हिमकेयर स्वास्थ्य कार्ड जारी करने के लिए अधिकृत किया गया है, यदि मरीज पहले इस सुविधा का लाभ नहीं उठा सके।
सरकार ने हिमकेयर कार्ड बनाने के लिए हर साल चार महीने का समय दिया है, ताकि पात्र लाभार्थियों को बिना किसी बाधा के यह लाभ मिल सके।

