मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज कहा कि राज्य सरकार दूरदराज क्षेत्रों में सड़क सम्पर्क को प्राथमिकता दे रही है तथा कांगड़ा जिले के बड़ा भंगाल क्षेत्र को भी आगामी दो वर्षों में सड़क से जोड़ दिया जाएगा।
सुख्खु ने आज यहां लोक निर्माण विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान विभाग को 2,806 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि 30 सितम्बर तक 1,238 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं। उन्होंने अधिकारियों को चल रही परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए तथा आधुनिक तकनीक को अपनाने पर बल दिया।
सुक्खू ने राज्य की पर्यावरणीय और भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सुरंगों के निर्माण की वकालत की। उन्होंने कहा, “सड़कें राज्य के लोगों के लिए जीवन रेखा हैं क्योंकि परिवहन के अन्य साधनों के लिए सीमित गुंजाइश है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करना जरूरी है।”
उन्होंने भूमिगत उपयोगिता नलिका परियोजनाओं की भी समीक्षा की और कहा कि राज्य सरकार ने शिमला शहर में इस परियोजना के लिए पहले ही 150 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत स्थानीय लोगों और पर्यटकों की सुविधा के लिए छोटा शिमला से चौड़ा मैदान, राजभवन से ओकओवर और शेर-ए-पंजाब से सीटीओ चौक तक भूमिगत केबल और पाइप बिछाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने पीएमजीएसवाई, नाबार्ड, सीआईआरएफ, सुख आश्रय परियोजनाओं, राजीव गांधी मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल, हेलीपोर्ट और अन्य विकासात्मक कार्यों की भी समीक्षा की। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी विचार-विमर्श किया और विभाग के प्रभावी संचालन के लिए सुझाव दिए।
सड़कें जीवन रेखा हैं सीएम सुखविंदर सुक्खू ने कहा, “सड़कें राज्य के लोगों के लिए जीवन रेखा हैं क्योंकि परिवहन के अन्य साधनों की गुंजाइश सीमित है। बुनियादी ढांचे को मजबूत करना जरूरी है।”
मुख्यमंत्री ने भूमिगत उपयोगिता नलिका परियोजनाओं की समीक्षा की और कहा कि राज्य सरकार ने शिमला शहर में इस परियोजना के लिए पहले ही 150 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए हैं।
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