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सुप्रीम कोर्ट ने नीट (पीजी) का प्रश्नपत्र, उत्तर जारी करने संबंधी याचिका पर मांगा जवाब

Supreme Court seeks reply on petition regarding release of NEET (PG) question paper and answers

नई दिल्ली, 20 जून । सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उस याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) से नीट (पीजी) का प्रश्न पत्र और उत्तर (आंसर-की) सार्वजनिक करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत होते हुए न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली अवकाश पीठ ने एनबीई, मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) और अन्य से जवाब मांगा है। पीठ में न्यायमूर्ति एस.वी.एन. भट्टी भी शामिल थे।

शीर्ष अदालत ने कहा, “8 जुलाई तक जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी करें। इस बीच, प्रतिवादी जवाबी हलफनामा दाखिल कर सकते हैं।”

सुनवाई के दौरान नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने कहा कि वह इस मामले में अनिवार्य पक्ष नहीं है, और प्रतिवादियों की सूची से उसका नाम हटाया जा सकता है। एनटीए के वकील ने कहा, “पीजी (प्रवेश परीक्षा) का आयोजन राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड करता है।”

इस पर न्यायमूर्ति भट्टी ने कहा, “जब हम आदेश पारित करेंगे तो सुप्रीम कोर्ट के नियमों के तहत अपने विवेक का इस्तेमाल करेंगे और प्रतिवादियों की सूची से आपका नाम हटा देंगे।”

सीधे सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका में, यह जानते हुए भी कि हाल की परीक्षाओं में “गंभीर गड़बड़ियों” के मामले सामने आये हैं, एनबीए के नीट पीजी 2022 के प्रश्न पत्र तथा उत्तर कुंजी जारी न करने, और पुनर्मूल्यांकन का कोई विकल्प न देने के “मनमाने कृत्य और फैसले” को चुनौती दी गई है।

एडवोकेट चारु माथुर द्वारा दायर याचिका में कहा गया है, “देश में नीट-पीजी जैसी कोई दूसरी परीक्षा नहीं है जहां पारदर्शिता की कमी इस स्तर की हो और सूचना का प्रवाह इस कदर एकतरफा हो।”

इसमें कहा गया है कि नीट-यूजी और आईआईटी-जेईई, सीमैट, क्लैट और न्यायिक सेवा परीक्षा जैसी कई प्रतिष्ठित परीक्षाओं में छात्रों के पास उत्तर कुंजी को चुनौती देने का विकल्प होता है।

वहीं, नीट-पीजी 2024 के लिए जारी सूचना बुलेटिन में पिछले वर्षों की तरह ही उत्तर पत्र के पुनर्मूल्यांकन के अनुरोध का विकल्प नहीं दिया गया है और कहा गया है कि उम्मीदवारों को सूचना का अधिकार के तहत भी अपना उत्तर पत्र मांगने का अधिकार नहीं होगा।

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