नई दिल्ली, 6 सितंबर । सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को कथित वीडियोकॉन ऋण धोखाधड़ी मामले में चंदा कोचर को जमानत पर रिहा करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका पर सुनवाई करेगा।
जस्टिस संजीव खन्ना और संजय कुमार की पीठ सीबीआई की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करेगी।
इससे पहले इस साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने कोचर को अंतरिम जमानत देने के बॉम्बे हाईकोर्ट के जनवरी 2023 के फैसले के खिलाफ सीबीआई की याचिका का निपटारा कर दिया था।
हालांकि, कोर्ट ने सीबीआई को कोचर दंपति को दी गई अंतरिम जमानत की पुष्टि करने वाले हाईकोर्ट के अंतिम फैसले के खिलाफ नई अपील दायर करने की स्वतंत्रता दी थी।
6 फरवरी को सुनाए गए फैसले में, बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस अनुजा प्रभुदेसाई और नितिन आर. बोरकर की खंडपीठ ने पिछले साल जनवरी में पारित अंतरिम जमानत आदेश की पुष्टि की।
23 दिसंबर 2022 को की गई गिरफ्तारी जांच के दौरान मिली किसी अतिरिक्त सामग्री के आधार पर नहीं थी, बल्कि यह उसी सामग्री पर आधारित थी जो जांच अधिकारी के पास धारा 41ए के तहत नोटिस जारी करने के समय से ही थी।
हाईकोर्ट ने कहा कि बिना सोचे-समझे और कानून का ध्यान रखे इस तरह की नियमित गिरफ्तारी सत्ता का दुरुपयोग है और यह सीआरपीसी की धारा 41ए(3) की जरूरतों को पूरा नहीं करती है। साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि सीबीआई गिरफ्तारी के फैसले के पीछे की परिस्थितियों और समर्थन सामग्री को साबित करने में विफल रही।
बता दें कि चंदा कोचर और उनके व्यवसायी पति दीपक कोचर पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान वीडियोकॉन समूह को दिए गए ऋण के बदले रिश्वत ली थी।