फरीदाबाद, 14 फरवरी यहां चल रहे 37वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले में जीएसटी संग्रह मेला परिसर में खराब इंटरनेट नेटवर्क के कारण प्रतिकूल रूप से प्रभावित होने की संभावना है, जिससे विक्रेताओं को नकद और उचित बिल के बिना भुगतान करने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। 2 फरवरी से शुरू हुआ मेला 18 फरवरी को समाप्त होगा।
एक महिला ने कहा, “मैंने शुक्रवार शाम को 6,000 रुपये से अधिक का सामान खरीदा, लेकिन इलाके में खराब इंटरनेट कनेक्शन के कारण नकद भुगतान करना पड़ा।”
अधिकांश दुकानदार बिना किसी कैश मेमो या बिल दिए नकद भुगतान लेते पाए गए। अधिकांश विक्रेताओं के पास बिक्री का कोई रिकॉर्ड नहीं है और इसलिए कर चोरी से इंकार नहीं किया जा सकता है।
निवासी वरुण श्योकंद ने कहा, “हालांकि कारीगरों और आगंतुकों की बड़ी भागीदारी के कारण हर साल जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी की उम्मीद है, लेकिन कैशलेस भुगतान करने में बाधाएं कर चोरी को बढ़ावा दे सकती हैं।”
पर्यटन विभाग के सूत्रों के अनुसार, पिछले 11 दिनों में 6-7 करोड़ रुपये का व्यापार होने के साथ, 18 फरवरी को मेले के अंत तक कुल कारोबार लगभग 10 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।
रविवार तक मेले की 1.5 लाख से ज्यादा टिकटें बिक चुकी थीं। मेले में होने वाले कारोबार पर नजर रखने के लिए हर साल कराधान विभाग की एक टीम तैनात की जाती है। पिछले साल 3 करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन हुआ था, इस साल इसके 15-20 फीसदी ज्यादा होने की उम्मीद है।
उत्तरी फ़रीदाबाद के उप उत्पाद एवं कराधान आयुक्त एसएस मलिक ने कहा, “हम बिक्री की निगरानी कर रहे हैं और उचित कर संग्रह सुनिश्चित करेंगे।” उन्होंने कहा कि आधिकारिक तौर पर पट्टे पर दी गई व्यावसायिक साइटों (दुकानों) की बिक्री या परिसर में किए गए व्यवसाय पर जीएसटी का सत्यापन किया गया है।
मेले में विभिन्न राज्यों और 45 देशों के 1,500 शिल्पकार, 300 कारीगर भाग ले रहे हैं। अब तक आठ लाख का फुटफॉल दर्ज किया गया है।
पिछले साल 3 करोड़ रुपए टैक्स जमा हुआ
मेले में अवैध व्यापार गतिविधियों पर नजर रखने के लिए हर साल कराधान विभाग की एक टीम तैनात की जाती है। जबकि पिछले साल 3 करोड़ रुपये जीएसटी एकत्र किया गया था, इस साल यह राशि 15% -20% अधिक होने की उम्मीद है।