January 28, 2025
National

सुरेशभाई सोनी का ट्रस्ट देता है कुष्ठ रोगियों और निराश्रितों को आसरा, पद्म श्री के लिए जताई खुशी

Sureshbhai Soni’s Trust provides shelter to leprosy patients and destitute, expressed happiness for Padma Shri

पद्म पुरस्कारों से सम्मानित होने वाली हस्तियों में गुजरात के सुरेशभाई सोनी भी शामिल हैं। उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किए जाने पर सहयोग कुष्ठ यज्ञ ट्रस्ट ने खुशी जाहिर की है।

दरअसल, रेशभाई सोनी सहयोग कुष्ठ यज्ञ ट्रस्ट के संस्थापक हैं। यह ट्रस्ट कुष्ठ रोगियों और निराश्रितों को आश्रय प्रदान करता है, जहां वर्तमान में 1051 से अधिक बेसहारा लोगों को आसरा दिया गया है।

पद्मश्री से सम्मानित ट्रस्ट के संचालक सुरेशभाई सोनी ने कहा, “मुझे बहुत खुशी है कि भारत सरकार ने पद्मश्री के लिए मुझे चुना है। मैंने यह काम 1988 में शुरू किया था। वर्तमान में एक हजार से अधिक लोगों को आसरा दिया गया है। मैं इस सम्मान के लिए चुने जाने पर भारत सरकार का आभार व्यक्त करता हूं। मैं लोगों से अपील करूंगा कि वे दूसरे लोगों के लिए अच्छा काम करें।”

स्थानीय लोग सुरेशभाई सोनी को भगवान मानते हैं। उनका ट्रस्ट पिछले 37 सालों से चल रहा है, जो कुष्ठ रोगियों, दिव्यांगों और बेसहारा लोगों को सहारा देता है।

साल 1978 में हिम्मतनगर के पास रायगढ़ गांव में 31 एकड़ जमीन पर स्थापित इस ट्रस्ट की नींव सुरेशभाई सोनी ने रखी थी। नर्मदा जिले के सीनोर गांव के मूल निवासी सुरेशभाई सोनी पहले वडोदरा में प्रोफेसर थे, लेकिन उन्होंने अपनी नौकरी को छोड़कर समाज के सबसे कमजोर और बेसहारा लोगों की सेवा करने का संकल्प लिया।

कुष्ठ रोगियों के लिए सहयोग कुष्ठ ट्रस्ट अब एकमात्र आश्रय स्थल बन चुका है। जब किसी व्यक्ति को कुष्ठ रोग हो जाता है, तो परिवार और समाज उन्हें छोड़ देते हैं। ऐसे लोगों के लिए सहयोग ट्रस्ट एक उम्मीद का केंद्र बना है। फिलहाल यहां 1051 से अधिक लोग निवास कर रहे हैं, जिनमें से 436 दिव्यांग, 250 कुष्ठ रोगी, 80 मानसिक बीमार (सिजोफ्रेनिया से ग्रस्त) और 26 एचआईवी पॉजिटिव मरीज शामिल हैं।

गुजरात के अलावा महाराष्ट्र, राजस्थान, बंगाल और अन्य राज्यों से भी मरीज यहां स्थायी रूप से निवास कर रहे हैं। हालांकि, 80 साल के सुरेशभाई सोनी भी अस्वस्थ रहते हैं।

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