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जाकिर हुसैन के निधन पर तबला वादक कानेटकर ने प्रकट किया दुख, कहा- उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला

Tabla player Kanetkar expressed grief over the demise of Zakir Hussain, said- got to learn a lot from him.

नई दिल्ली, 17 दिसंबर । ‘उस्ताद’ जाकिर हुसैन का 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके जाने से संगीत की दुनिया में शोक की लहर फैल गई है। मशहूर तबला वादक हर्षद कानेटकर ने जाकिर हुसैन की मौत पर दुख प्रकट किया और श्रद्धांजलि अर्पित की।

हर्षद कानेटकर ने वीडियो के माध्यम से कहा, “आज पूरे संगीत जगत के लिए बहुत दुखद दिन है, क्योंकि हमने सदी के महानतम तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन को खो दिया है। जाकिर सिर्फ़ एक महान तबला वादक ही नहीं, बल्कि वे एक अद्भुत, अत्यंत महान, दयालु इंसान थे। यही बात है कि जब भी हम उन्हें मंच पर देखते थे, सुनते थे, उनके संगीत में, उनके प्रदर्शन में हमेशा हमें महानता का अनुभव होता था।”

उन्होंने कहा, “मुझे उनके साथ बहुत समय बिताने का अवसर मिला और मैंने संगीत में और उनके महान व्यक्तित्व की महानता के बारे में भी सीखा। मैं उनके पूरे परिवार और पूरे संगीत जगत को शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं।”

बता दें कि तबला वादक जाकिर हुसैन ने 73 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। उनके परिवार ने सोमवार को यह जानकारी दी। परिवार ने बताया कि इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से उत्पन्न जटिलताओं के कारण सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में हुसैन का निधन हो गया।

हुसैन को अपनी पीढ़ी का सबसे महान तबला वादक माना जाता है, उनकी पत्नी एंटोनियो मिनेकोला और बेटियां अनीसा कुरैशी और इसाबेला कुरैशी हैं। 9 मार्च 1951 को जन्मे हुसैन महान तबला वादक उस्ताद अल्ला रक्खा के पुत्र थे।

परिवार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि वह अपने पीछे एक असाधारण विरासत छोड़ गए हैं, जिसे दुनिया भर के अनगिनत संगीत प्रेमी संजोकर रखेंगे, जिसका प्रभाव आने वाली पीढ़ियों तक रहेगा।

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