शिमला, 26 अगस्त सेब उत्पादक संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष राकेश सिंघा के नेतृत्व में आज मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की और किसानों को कब्जे वाली जमीन से बेदखल करने के मुद्दे पर चर्चा की। संघ ने कहा कि राज्य सरकार को आगामी विधानसभा सत्र में एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से वन संरक्षण अधिनियम, 1980 में संशोधन करने और किसानों की कब्जे वाली जमीन को नियमित करने की अनुमति देने का अनुरोध करना चाहिए।
सेब उत्पादकों ने सरकार से अनुरोध किया कि वह बेदखली की कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए उच्च न्यायालय में एक हलफनामा दायर करे, जैसा कि 2015 और 2019 में किया गया था। बैठक में लगभग 350 किसानों ने भाग लिया।
प्रतिनिधिमंडल ने सुक्खू को बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद, भूमि पर कब्जा करने वाले किसानों के खिलाफ बेदखली की कार्यवाही शुरू हो गई है। प्रतिनिधिमंडल ने दावा किया कि इनमें से अधिकांश परिवार गरीब हैं और उन्होंने अपना भरण-पोषण करने के लिए घर या खेती की जमीन बनाई हुई है। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि बेदखली की कार्यवाही ने हजारों परिवारों की आजीविका को खतरे में डाल दिया है।
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वे उचित कार्रवाई करेंगे और राजस्व एवं विधि मंत्री की अध्यक्षता में एक समिति गठित करेंगे जो कब्जे वाली भूमि के नियमितीकरण के लिए नीति निर्धारित करेगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार कानूनी सलाह लेगी और यदि आवश्यक हुआ तो उच्च न्यायालय में हस्तक्षेप करेगी।
बैठक में राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष नंद लाल भी उपस्थित थे।