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तमिलनाडु: ईपीएस ने स्टालिन को डीएमके की विफलताओं पर सार्वजनिक मंच पर सामना करने की चुनौती दोहराई

Tamil Nadu: EPS reiterates challenge to Stalin to confront him on public platform over DMK's failures

तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री एडप्पाडी के. पलानीस्वामी (ईपीएस) ने मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन को फिर से खुली चुनौती देते हुए कहा है कि उनकी ‘खुली चुनौती’ अभी भी बरकरार है। ईपीएस ने स्टालिन से डीएमके सरकार के शासन रिकॉर्ड, टूटे वादों और प्रशासनिक विफलताओं पर सार्वजनिक मंच पर सीधा सामना करने की मांग की है।

कल्लाकुरिची में मुख्यमंत्री स्टालिन के हालिया भाषण पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए ईपीएस ने कहा कि यह विडंबना है कि स्टालिन ने उसी जिले से ‘खुली चुनौती’ देने का फैसला किया, जिसका गठन और विकास एआईएडीएमके सरकार के दौरान हुआ। उन्होंने कहा, “क्या मुख्यमंत्री भूल गए कि कल्लाकुरिची जिला मेरे नेतृत्व वाली एआईएडीएमके सरकार ने बनाया था? वहां का सरकारी मेडिकल कॉलेज एआईएडीएमके की स्थायी उपलब्धि है।”

ईपीएस ने डीएमके सरकार पर ‘स्टिकर पॉलिटिक्स’ का आरोप लगाते हुए कहा कि स्टालिन का पूरा कार्यकाल एआईएडीएमके की योजनाओं पर स्टिकर चिपकाने, रिबन काटने और फोटो शूट में बीता है। ईपीएस ने तंज कसा, “जब 95 प्रतिशत समय पुरानी योजनाओं पर स्टिकर लगाने में गया, तो बाकी 5 प्रतिशत पर सवाल उठाने का नैतिक अधिकार भी क्या बचा है?”

उन्होंने डीएमके पर कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा देने, महिलाओं की सुरक्षा खतरे में डालने और शिक्षकों, नर्सों, सरकारी कर्मचारियों, विकलांगों समेत कई वर्गों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर करने का गंभीर आरोप लगाया।

ईपीएस ने पूछा, “पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था को खत्म करने के बाद क्या आपको अपनी कॉलर ऊंची करके बोलते समय शर्म नहीं आती?”

लैपटॉप वितरण योजना पर हमला बोलते हुए ईपीएस ने कहा कि डीएमके ने साढ़े चार साल तक लैपटॉप देने से इनकार किया, लेकिन चुनाव के डर से अब जल्दबाजी में बांट रही है। उन्होंने छात्रों के लिए छह महीने के एआई सब्सक्रिप्शन की घोषणा को भी ‘धोखा’ करार दिया और कहा, “20 लाख लैपटॉप का दावा है, लेकिन असल में कितने छात्रों तक पहुंचे और कब? आंकड़ों की विश्वसनीयता पर सवाल है।”

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