सीनियर सिटीजन्स को बड़ी राहत देते हुए, तमिलनाडु सरकार ने पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (पीडीएस) के तहत जरूरी सामान की होम डिलीवरी के लिए उम्र की पात्रता 70 साल से घटाकर 65 साल कर दी है।
सहकारिता विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह फैसला जनता की रिक्वेस्ट के बाद लिया गया, जिसमें यह सुविधा 65 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों तक बढ़ाने की मांग की गई थी, जिन्हें अक्सर फेयर प्राइस शॉप पर जाने में दिक्कत होती है।
बदले हुए शेड्यूल के तहत, विभाग ने यह भी तय किया है कि अब हर महीने के पहले हफ्ते में (खासकर शनिवार और रविवार को) योग्य लाभार्थियों को राशन का सामान पहुंचाया जाएगा। बता दें कि पहले यह दूसरे हफ्ते में होता था। इस महीने से, डोर डिलीवरी 3 और 4 नवंबर को की जाएगी और अगले महीनों में भी यही पैटर्न फॉलो किया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि इस बदलाव का मकसद स्कीम की एफिशिएंसी को बेहतर बनाना और बुजुर्गों और दिव्यांग कार्डधारकों को समय पर सामान की डिलीवरी सुनिश्चित करना है। अधिकारियों ने आगे कहा कि पहले हुई देरी और लॉजिस्टिक्स की चुनौतियों के कारण कई लाभार्थी होम डिलीवरी का ऑप्शन नहीं चुन रहे थे।
यह होम डिलीवरी स्कीम में शुरू में 20.42 लाख बुजुर्ग लोग और 1.27 लाख पीडब्ल्यूडी शामिल थे। जो 70 साल से ज्यादा उम्र के सीनियर सिटीजन्स और दिव्यांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) की मदद के लिए शुरू की गई थी। हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि लिस्ट में शामिल लगभग 8 प्रतिशत लोग मृत पाए गए, जिसके कारण डेटाबेस में बदलाव करना पड़ा।
विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, “अब उम्र सीमा घटाकर 65 साल कर दी गई है, इसलिए अपडेटेड लिस्ट में ज्यादा लाभार्थी शामिल होंगे, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जिनके नाम पहले गलती से छूट गए थे। फाइनल लिस्ट अगले कुछ महीनों में तैयार हो जाएगी।”
अधिकारियों ने यह भी बताया कि हाल के महीनों में इस पहल को कम रिस्पॉन्स मिलने के कई कारण थे, जिनमें डिस्ट्रीब्यूशन में देरी और लाभार्थियों का दूसरे जिलों में चले जाना शामिल है।
सरकार को उम्मीद है कि नया डिलीवरी शेड्यूल और बढ़ी हुई पात्रता मानदंड इन चिंताओं को दूर करने और भागीदारी बढ़ाने में मदद करेंगे। पीडीएस होम डिलीवरी स्कीम बुजुर्ग नागरिकों और पीडब्ल्यूडी को चावल, चीनी, गेहूं और केरोसिन जैसे जरूरी सामान की घर पर डिलीवरी देने के मकसद से शुरू की गई थी, जो खुद राशन की दुकानों पर नहीं जा सकते।
इस नए बदलाव से तमिलनाडु भर में हजारों अतिरिक्त लाभार्थियों को इस पहल से फायदा होने की उम्मीद है।

