July 23, 2025
National

झारखंड हाईकोर्ट के 17वें चीफ जस्टिस बने तरलोक सिंह चौहान, राज्यपाल ने दिलाई शपथ

Tarlok Singh Chauhan became the 17th Chief Justice of Jharkhand High Court, Governor administered the oath

झारखंड हाईकोर्ट के नवनियुक्त चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान ने बुधवार को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। रांची के राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके साथ ही वे झारखंड के 17वें चीफ जस्टिस बन गए।

मुख्य सचिव अलका तिवारी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा जारी चीफ जस्टिस की नियुक्ति संबंधी वारंट को हिंदी और अंग्रेजी में पढ़कर सुनाया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, झारखंड हाई कोर्ट के सभी न्यायाधीश, झारखंड सरकार के कई मंत्री, महाधिवक्ता राजीव रंजन, जस्टिस तरलोक सिंह चौहान के परिजन और राज्य सरकार के अधिकारी उपस्थित रहे।

9 जनवरी 1964 को हिमाचल प्रदेश के रोहड़ू में जन्मे जस्टिस तरलोक सिंह चौहान ने शिमला के बिशप कॉटन से स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री ली। उन्होंने 1989 में हिमाचल प्रदेश बार काउंसिल में वकील के रूप में नामांकन के बाद सभी विधायी शाखाओं में गहरा अनुभव अर्जित किया। वह 2014 में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश और फिर स्थायी न्यायाधीश बने।

जस्टिस चौहान ने पर्यावरण कानून, बाल कल्याण और न्यायिक सुधारों में उल्लेखनीय कार्य किया। वे किशोर न्याय समिति, विधिक सेवा प्राधिकरण और हाईकोर्ट की कंप्यूटर एवं ई-कोर्ट समिति का नेतृत्व कर न्यायपालिका में डिजिटल परिवर्तन में अहम भूमिका निभा चुके हैं।

वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भारतीय न्यायपालिका का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उनके नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश न्यायपालिका ने ई-फाइलिंग, ऑनलाइन सेवाओं और डिजिटल न्यायिक प्रक्रियाओं में नए कीर्तिमान स्थापित किए।

झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में जस्टिस चौहान की नियुक्ति की अधिसूचना भारत के राष्ट्रपति कार्यालय से 15 जुलाई को जारी की गई थी। जस्टिस चौहान से पहले झारखंड के चीफ जस्टिस के रूप में कार्यरत रहे जस्टिस एम.एस. रामचंद्र राव का तबादला त्रिपुरा हाईकोर्ट कर दिया गया है।

जस्टिस रामचंद्र राव ने 25 सितंबर 2024 को झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली थी, और उनके कार्यकाल में अदालत में कई अहम जनहित याचिकाओं और संवैधानिक मामलों की सुनवाई हुई।

Leave feedback about this

  • Service