तरनतारन विधानसभा उपचुनाव से पहले पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने डीजीपी को पत्र लिखकर आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान कथित तौर पर गलत तरीके से एफआईआर दर्ज करने की समीक्षा करने और 36 घंटे के भीतर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है।
यह निर्देश चुनाव आयोग द्वारा शनिवार को जिले की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रवजोत कौर ग्रेवाल को निलंबित करने के बाद आया है।
आईपीएस अधिकारी के खिलाफ यह कार्रवाई शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की शिकायत के बाद की गई है। सुखबीर ने आरोप लगाया था कि ग्रेवाल ने पुलिस का इस्तेमाल कर उनकी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज कराई हैं, ताकि उन्हें 11 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए प्रचार करने से रोका जा सके।
शनिवार को पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को लिखे पत्र में मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने बताया कि चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) अवधि के दौरान निष्पक्ष आचरण में गंभीर चूक का संज्ञान लेते हुए ग्रेवाल को निलंबित कर दिया।
पत्र में कहा गया है, “पुलिस पर्यवेक्षक द्वारा भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को सौंपी गई रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि राज्य पुलिस द्वारा समन्वित और ठोस कार्रवाई की गई थी, जिसमें न केवल तरनतारन पुलिस बल्कि अमृतसर, बटाला, मोगा और अन्य पड़ोसी जिलों की पुलिस भी शामिल थी, जिससे चुनाव अवधि के दौरान कानून प्रवर्तन की निष्पक्षता के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा हुईं।”
पंजाब के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि उन्हें ईसीआई द्वारा निर्देश दिया गया था कि वे डीजीपी को सूचित करें कि एमसीसी के दौरान सभी कथित गलत तरीके से दर्ज किए गए मामलों और गिरफ्तारियों की समीक्षा अतिरिक्त डीजीपी के पद से नीचे के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा की जाए और 36 घंटे के भीतर कानून के अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जाए।
पत्र में कहा गया है, “उपर्युक्त निर्देश पर की गई कार्रवाई के रूप में अनुपालन रिपोर्ट, ईसीआई को प्रस्तुत करने के लिए अधोहस्ताक्षरी को भेजी जाए।” इस बीच, बादल ने एफआईआर की समीक्षा कराने के चुनाव आयोग के फैसले की सराहना की।
शिअद अध्यक्ष ने पिछले महीने पंजाब के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को लिखे पत्र में आरोप लगाया था कि तरनतारन में स्थानीय पुलिस का सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के राजनीतिक लाभ के लिए “दुरुपयोग” किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया था कि चूंकि आप को यह अहसास हो गया है कि वह उपचुनाव ‘‘निष्पक्षता से’’ नहीं जीत सकती, इसलिए उसने एसएसपी को तरनतारन में ‘‘वास्तविक’’ प्रभारी बना दिया है।
बादल ने आरोप लगाया था, ‘‘एसएसपी अकाली सरपंचों और कार्यकर्ताओं को डराने और उन्हें चुनाव गतिविधियों में भाग लेने से रोकने के लिए उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज कर रहे हैं।’’ तरनतारन उपचुनाव के लिए मतदान 11 नवंबर को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगा और परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
जून में आप विधायक कश्मीर सिंह सोहल के निधन के बाद यह विधानसभा सीट रिक्त हो गई थी।


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