December 29, 2025
National

तेलंगाना विधानसभा सत्र : जुबानी जंग के बीच सदन में रेवंत रेड्डी ने केसीआर से मिलाया हाथ

Telangana Assembly Session: Amid a war of words, Revanth Reddy shakes hands with KCR in the House

तेलंगाना विधानसभा में सोमवार को लंबे समय से एक-दूसरे पर तीखे हमले कर रहे मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी और नेता प्रतिपक्ष के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) के बीच सौहार्द्र का पल नजर आया। शीतकालीन सत्र के पहले दिन कार्यवाही शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी खुद चलकर केसीआर के पास पहुंचे, उनसे हाथ मिलाया और उनका हालचाल पूछा।

यह दृश्य ऐसे समय सामने आया है, जब दोनों नेताओं के बीच सिंचाई परियोजनाओं और नदी जल बंटवारे को लेकर हाल के दिनों में जुबानी जंग तेज रही है। विधानसभा में केसीआर की यह उपस्थिति भी खास मानी जा रही है, क्योंकि वह काफी समय बाद सदन में नजर आए। दिलचस्प बात यह रही कि केसीआर अन्य सदस्यों से पहले ही सदन में पहुंचकर सीट पर बैठ गए थे।

जैसे ही मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने विधानसभा हॉल में प्रवेश किया, उन्होंने सीधे केसीआर के पास जाकर उनसे हाथ मिलाया। इसके बाद कई मंत्रियों और विधायकों ने भी केसीआर से मुलाकात कर उनका अभिवादन किया। इनमें मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी, श्रीधर बाबू, कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी, सीथक्का, वकिटी श्रीहरि, अदलुरी लक्ष्मण कुमार समेत अन्य नेता शामिल रहे। इसमें कांग्रेस के नव-निर्वाचित विधायक नवीन यादव भी शामिल रहे।

हालांकि, सदन में दिखी यह गर्मजोशी, बाहर चल रही सियासी तल्खी के बिल्कुल उलट थी। मुख्य विपक्षी दल भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) लगातार मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी पर केसीआर के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा इस्तेमाल करने का आरोप लगा रही है। बीआरएस का कहना है कि मुख्यमंत्री ने न सिर्फ अपमानजनक टिप्पणियां कीं, बल्कि केसीआर की मौत तक की कामना की।

दरअसल, 21 दिसंबर को पलामुरु-रंगारेड्डी लिफ्ट सिंचाई परियोजना को लेकर बड़े आंदोलन की घोषणा करते हुए केसीआर ने कहा था कि कांग्रेस सरकार ने जनता के साथ धोखा किया है और इसके लिए वे सरकार की ‘खाल उधेड़ देंगे।’

इस बयान पर मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि वे केसीआर या उनके परिवार को दोबारा सत्ता में लौटने नहीं देंगे।

24 दिसंबर को नारायणपेट जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए रेवंत रेड्डी ने और भी कड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था, “केसीआर ने सत्ता में रहते हुए मेरे खिलाफ केस दर्ज कराए, मुझे जेल भेजा और परेशान किया। भगवान ने उन्हें सजा दी। जिस दिन मैंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, उसी दिन वह गिरकर घायल हो गए। मुझे उन्हें जेल में डालने की जरूरत नहीं है, उन्होंने खुद को अपने फार्महाउस में कैद कर लिया है, जहां मेरी पुलिस चारों ओर है।”

इन बयानों के बाद केसीआर के बेटे और बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव (केटीआर) ने मुख्यमंत्री को संयम की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि संयम को कमजोरी न समझा जाए। केटीआर ने कहा, “एक बेटे और एक पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर चुप रहना आसान नहीं है। हर दिन केसीआर पर बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं। कभी उनकी चोट पर टिप्पणी, कभी उनकी सेहत पर सवाल। लोकतंत्र और संवैधानिक पद के सम्मान के कारण मैं संयम बरत रहा हूं।”

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