नई दिल्ली, 5 नवंबर जाति जनगणना को लेकर कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी बहुत मुखरता से लोकसभा चुनाव के समय से बोलते रहे हैं। उन्होंने लगातार इस बात को जनता के सामने रखा है कि देश में जाति जनगणना की जरूरत है ताकि आबादी के हिसाब से जातियों को उसका लाभ मिल सके। हालांकि राहुल गांधी की यह मांग मीडिया के लिए सुर्खियां भी बनी और साथ ही भाजपा सहित तमाम दलों ने इसको लेकर राहुल गांधी की आलोचना भी मुखर होकर की है। इस सब के बीच कांग्रेस शासित तेलंगाना में अब जाति सर्वेक्षण का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है।
राहुल गांधी पार्टी की तेलंगाना इकाई द्वारा आयोजित जाति जनगणना पर एक बैठक में हिस्सा लेने यहां आ रहे हैं। यह बैठक राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए जाति सर्वेक्षण को लेकर हो रही है। तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) की मानें तो राहुल गांधी उत्तर प्रदेश से विशेष विमान द्वारा शाम यहां पहुंच रहे हैं।
तेलंगाना में बोवेनपल्ली स्थित गांधीवादी विचारधारा केंद्र में आयोजित जाति जनगणना पर राज्यस्तरीय परामर्श कार्यक्रम में भाग लेंगे। इसके बाद उनका दिल्ली लौट जाने का कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम को लेकर टीपीसीसी अध्यक्ष बी महेश कुमार गौड़ ने स्पष्ट किया था कि प्रदेश इकाई हितधारकों से जाति सर्वेक्षण पर सुझाव लेने के लिए बैठक आयोजित करेगी।
राहुल गांधी की तेलंगाना यात्रा को लेकर वहां कांग्रेस की तरफ से उनके स्वागत के लिए सड़कों को बैनर और पोस्टरों से पाट दिया गया है। पोस्टर में साफ लिखा हुआ है कि तेलंगाना में जाति सर्वेक्षण की मांग को पूरा करने के लिए राहुल गांधी का धन्यवाद और प्यार। पोस्टर डॉ. कोटा नीलिमा की तरफ से लगवाए गए हैं जो सनथनगर कांग्रेस इंचार्ज हैं।
डॉ. कोटा नीलिमा की तरफ से तैयार कराए गए इन पोस्टरों से पूरा हैदारबाद सजा दिया गया है। सड़कों से लेकर फ्लाई ओवर तक हर जगह ये पोस्टर नजर आ रहे हैं। शहर में हर तरह इन पोस्टरों के जरिए राहुल गांधी के आगमन पर उनका स्वागत किया जा रहा है। उन्हें प्यार और धन्यवाद दिया जा रहा है।
बता दें कि राज्य सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी द्वारा किए गए वादे के अनुसार व्यापक सामाजिक, शैक्षिक, आर्थिक, रोजगार, राजनीतिक और जातिगत सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू की है। यह सर्वेक्षण बुधवार (6 नवंबर) से प्रारंभ होने वाला है।
इसके साथ ही जानकारों की मानें तो इस सर्वेक्षण में करीब 80 हजार से अधिक कर्मचारी शामिल होंगे। वहीं तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क के अनुसार इस सर्वेक्षण से जो आंकड़े निकलकर सामने आएंगे वह राज्य के विकास में काफी मदद करेंगे। जनगणना के 30 नवंबर तक पूरा होने की संभावना है।
यह भी बता दें कि इस जनगणना में नागरिकों की सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त की जाएगी, इसके साथ ही यह भी देखा जाएगा कि उन्हें राजनीतिक अवसर मिले भी हैं या नहीं। इसके साथ ही आयोग इस आंकड़े के आधार पर स्थानीय निकायों में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की सिफारिश भी करेगा।