भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद के मामले में बेनकाब करने के लिए कई देशों में सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को भेजने का फैसला किया है। इन प्रतिनिधिमंडलों में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के अलावा अन्य पार्टियों के नेताओं को भी शामिल किया गया है। इसके लिए बनाए गए एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जदयू सांसद संजय झा कर रहे हैं। झा ने कहा कि जो डेलिगेशन मैं लीड कर रहा हूं, वह डेलिगेशन कल भारत से बाहर निकलेगा।
पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, “हम लोग जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, इंडोनेशिया और सिंगापुर जाएंगे। इस प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य है कि जो प्रायोजित आतंकवाद है, जिसे पाकिस्तान सरकार द्वारा आतंकवाद को समर्थन दिया जाता है, पैसा दिया जाता है और ट्रेनिंग दी जाती है, वह प्रमाणित हो गया है। किस तरह से भारत ने उनके नौ आतंकवादी ठिकानों को खत्म किया है।”
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने जो उसके बाद हमले किए, भारतीय सेना ने उसे रोकने का काम किया। उसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के एयर बेस को ध्वस्त किया। भारतीय सेना का इतना जबरदस्त काम और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आतंकवाद के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई अभूतपूर्व है। आतंकवाद के खिलाफ ऐसी कार्रवाई अब तक नहीं की गई थी।
जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि अगर आतंकवादी कार्रवाई होगी, तो यह माना जाएगा कि अब वहां की सरकार यह करवा रही है और इसे ‘एक्ट ऑफ वॉर’ माना जाएगा, युद्ध माना जाएगा। यह जो सात प्रतिनिधिमंडल पूरी दुनिया में भेजी जा रहे हैं, वह यही बताने के लिए जा रहे हैं कि उनकी (पाकिस्तान) पूरी की पूरी सरकार और आर्मी आतंकवाद के पीछे है, जिसको खत्म करना है।
उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विपक्ष द्वारा की जा रही राजनीति पर कहा कि देश की 140 करोड़ जनता, आर्मी और नरेंद्र मोदी की सरकार के साथ खड़ी है। पक्ष और विपक्ष सब एक हैं, एक स्वर में सब बातें कर रहे हैं। हम लोग जहां भी जा रहे हैं, देश के प्रतिनिधि होकर जा रहे हैं, किसी पार्टी के प्रतिनिधि होकर नहीं जा रहे हैं। यह याद रखना चाहिए।