नई दिल्ली, 3 दिसंबर । साल 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रोकने के लिए विपक्षी दलों ने ‘इंडिया ब्लॉक’ का गठन किया था। लेकिन, लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद इस ब्लॉक में दरार पड़ता दिखाई दे रहा है।
दरअसल, इस समय समय में संसद में शीतकालीन सत्र चल रहा है। जहां कई मुद्दों पर विपक्ष बात रखना चाहता है। लेकिन कई मुद्दे ऐसे हैं, जिन्हें लेकर गठबंधन में शामिल दलों की सहमति नहीं बन पा रही है। कांग्रेस सदन में जहां ईवीएम सहित अन्य मुद्दों पर फोकस कर रही है। वहीं, अन्य दल चाहते हैं कि ऐसे मुद्दे सदन में उठाए जाएंं, जिनका कनेक्शन सीधे जनता से हो।
इधर, दिल्ली में इंडिया ब्लॉक की बैठक में टीएमसी सांसदों के शामिल न होने पर भाजपा के राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा है कि हाल ही में उत्तर प्रदेश में आपने देखा कि कैसे कांग्रेस चुनावी मैदान छोड़कर भाग गई। सपा ने कोशिश की, लेकिन हार गई। कांग्रेस जानती थी कि उसे हार का सामना करना पड़ेगा, इसलिए वह पीछे हट गई। सपा, कांग्रेस और टीएमसी गठबंधन बेमेल है। ऐसे मुद्दाहीन और उद्देश्यहीन गठबंधन अस्थायी होते हैं और कभी भी टूट सकते हैं। यह विपक्ष मुद्दाविहीन है। जनता द्वारा नकारा गया विपक्ष है। हंगामा कर सदन को न चलने देने का षडयंत्र रचते हैं और अपने दल की चिंता में लगे रहते हैं।
बांग्लादेश के मुद्दे पर सांसद दिनेश शर्मा ने कहा है कि बांग्लादेश अत्याचारों से गुजर रहा है और चरमपंथियों के चंगुल में फंस गया है। वहां अल्पसंख्यक हिंदुओं पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं, लेकिन कांग्रेस, सपा या आप में किसी भी पार्टी ने एक शब्द भी नहीं कहा। वे फिलिस्तीन और लेबनान के लिए आवाज उठा सकते हैं, लेकिन बांग्लादेश के हिंदुओं के लिए नहीं, क्योंकि उन्हें उनमें वोट बैंक नहीं दिखता है।
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