नई दिल्ली, 2 मार्च। अमेरिका स्थित थिंक-टैंक ब्रुकिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत ने अत्यधिक गरीबी को खत्म कर दिया है और अब वह गरीबी रेखा से बाहर आने की दिशा में अग्रसर हो रहा है और इसके लिए तैयार है।
आंकड़ों का हवाला देते हुए, इसमें कहा गया है कि भारत ने कुल गरीबी अनुपात (एचसीआर) में गिरावट और घरेलू उपभोग व्यय में महत्वपूर्ण उछाल दर्ज किया है, जिसकी वजह से ‘अत्यधिक गरीबी’ से छुटकारा पाने में मदद मिली है। जाने-माने अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला और करण भसीन द्वारा लिखित रिपोर्ट में जो बातें सामने आई हैं उसे एक उत्साहजनक विकास के रूप में देखते हुए कहा गया कि, ‘समय आ गया है कि भारत अन्य विकसित समकक्षों की तरह उच्च गरीबी रेखा पर पहुंच जाए।’
ब्रुकिंग्स रिपोर्ट देश की अत्यधिक गरीबी से ‘आजादी’ का श्रेय मोदी सरकार की कई कल्याणकारी कार्यक्रमों तक जनता के सीधे जुड़ाव के साथ प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के जरिए लोगों तक सरकार की पहुंच को देती है। इसमें कहा गया है कि रसोई गैस, सभी के लिए आवास, शौचालय निर्माण, हर घर नल से जल, शहरी और साथ ही ग्रामीण इलाकों में बिजली की बिना रुकावट आपूर्ति के माध्यम से पूरी आबादी को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने पर सरकार का ध्यान देना और सतत काम करना ही इस समावेशी विकास का मूल रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विकास संकेतकों में सुधार पर सरकार का स्पष्ट ध्यान इस बदलाव के पीछे गेम चेंजर हो सकता है।
करण भसीन ने इस रिपोर्ट को लेकर आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, “नवीनतम एचसीईएस डेटा से पता चलता है कि भारत में अत्यधिक गरीबी के आंकड़ों में तेजी से गिरावट आई है।”
उन्होंने कहा कि ”हेड काउंट गरीबी अनुपात (एचसीआर) 2011 पीपीपी $ 1.9 के लिए गरीबी रेखा 2011-12 में 12.2 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 2 प्रतिशत हो गया। पीपीपी $ 3.2 के लिए, एचसीआर 53.6% से घटकर 20.8% हो गया।”
उपभोग असमानता में गिरावट पर आगे बोलते हुए करण ने आईएएनएस को बताया, “यह गिरावट काफी हद तक पिछले दशक में अनुभव की गई समावेशी वृद्धि और अर्थव्यवस्था में सभी के लिए बेहतर जीवन स्तर सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार की मजबूत नीतिगत पहल के कारण आई है।”
उन्होंने कहा, “भारत द्वारा अत्यधिक गरीबी को खत्म करने के साथ, भारत को अब उच्च गरीबी रेखा की ओर बढ़ने पर विचार करना चाहिए।”
गरीबी सूचकांक में परिवर्तन में सरकार की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर, करण ने कहा, ”अत्यधिक गरीबी में काफी कमी आई है और यहां तक कि उच्च गरीबी रेखा में भी, पिछले 10 वर्षों में गरीबी में गिरावट 30 वर्षों में हुई गिरावट के बराबर है। कुल मिलाकर ये सकारात्मक घटनाक्रम है।”
वैसे आपको बता दें कि द वर्ल्ड पॉवर्टी क्लॉक की रिपोर्ट भारत के लिए सुकून देने वाली है। इस रिपोर्ट के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या 143 करोड़ से ज्यादा है, जिसमें से 3.5 करोड़ के करीब लोग अत्यधिक गरीबी की सीमा में हैं जो कुल जनसंख्या का मात्र दो प्रतिशत के करीब हैं।
रिपोर्ट की मानें तो भारत जैसे विशाल देश जहां कई तरह की विविधता है इसके बावजूद भी गरीबी रेखा में आई कमी इस बात को दिखा रही है कि देश में लगातार गरीबों की संख्या कम हुई है।