दिल्ली विधानसभा में सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) के नेता गोपाल राय ने सदन में स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित सीएजी रिपोर्ट पर चर्चा करते हुए कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए।
उन्होंने कहा कि इस समय दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। गोपाल राय ने रिपोर्ट के तीन प्रमुख हिस्सों का उल्लेख किया, जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं का प्रभाव पहला मुद्दा रहा।
राय ने कहा कि रिपोर्ट में यह बताया गया है कि दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं का असर एनसीआर के अन्य सरकारी अस्पतालों की तुलना में अधिक सकारात्मक है और दिल्ली के लोगों को इसके लाभ मिले हैं। दूसरे मुद्दे पर उन्होंने बताया कि वैकेंसी और सेवा वितरण दूसरा हिस्सा था। दिल्ली के अस्पतालों में कई महत्वपूर्ण पदों पर वैकेंसी खाली हैं, जिसका असर स्वास्थ्य सेवाओं के प्रभावी वितरण पर पड़ा है। इस कारण से लोग समय पर उचित सेवाएं नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं।
उन्होंने तीसरे हिस्से में उल्लेख किया कि दिल्ली में 2022 तक नए अस्पतालों और बिस्तरों के विस्तार का काम धीमा पड़ा था। गोपाल राय ने इस संदर्भ में दिल्ली सरकार की कोशिशों की सराहना की और कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं।
गोपाल राय ने दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि दिल्ली देश का पहला राज्य है, जिसने मोहल्ला क्लीनिक जैसी योजना शुरू की और स्वास्थ्य सेवाओं को आम आदमी तक पहुंचाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।
उन्होंने कहा, “हमने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए जमीनी स्तर पर काम किया है।” इसके अलावा, गोपाल राय ने दिल्ली सरकार के डाटा एंट्री ऑपरेटर की भर्ती को लेकर संघर्ष का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार इस भर्ती के लिए दो साल तक सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी प्राप्त करने के बाद ही प्रक्रिया शुरू कर सकी। हालांकि, गोपाल राय ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के अधिकारों का उल्लंघन किया और सौतेला व्यवहार किया।
राय ने कहा, “दिल्ली के चुने हुए प्रतिनिधियों को भर्ती के अधिकार देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक आदेश दिया था। इसके बावजूद केंद्र ने दिल्ली सरकार के अधिकारों को सीमित किया।”