मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने गुरुवार को हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) को निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने एचपीपीसीएल को 450 मेगावाट शोंग टोंग जल विद्युत परियोजना के लिए दिसंबर 2026 तक कार्य पूर्ण करने के निर्देश भी दिए।
उन्होंने कहा, “परियोजना का 60 प्रतिशत से ज़्यादा काम पूरा हो चुका है और बाकी काम में तेज़ी लानी होगी। इस परियोजना से बिजली की समय पर निकासी सुनिश्चित करने के लिए समानांतर ट्रांसमिशन लाइन स्थापित की जानी चाहिए।” सुक्खू ने 130 मेगावाट काशांग-II और III, 48 मेगावाट चांजू-III, 40 मेगावाट रेणुका बांध और 191 मेगावाट थाना प्लाउन जलविद्युत परियोजनाओं की प्रगति पर भी चर्चा की तथा निर्देश दिए कि इनके पूरा होने की समय-सीमा का सख्ती से पालन किया जाए।
मुख्यमंत्री ने पंप भंडारण परियोजनाओं की स्थापना पर ज़ोर दिया और एचपीपीसीएल को प्रस्तावित 1630 मेगावाट रेणुकाजी पंप भंडारण परियोजना और 270 मेगावाट थाना प्लाउन पंप भंडारण परियोजना पर जल्द से जल्द काम शुरू करने को कहा। उन्होंने कहा कि पंप भंडारण परियोजनाएँ व्यस्त समय में बिजली की आपूर्ति करने और ग्रिड पर भार कम करने में उपयोगी हैं।
सुक्खू ने कहा कि हरित ऊर्जा का दोहन राज्य सरकार की प्रमुख प्राथमिकता बनी हुई है और एचपीपीसीएल को चल रही सौर ऊर्जा परियोजनाओं के कार्य में तेज़ी लानी चाहिए। उन्होंने निगम को सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए नए भूखंडों की पहचान करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने नालागढ़ में स्थापित होने वाले हरित हाइड्रोजन संयंत्र की समीक्षा की तथा जून, 2026 के अंत तक इसे पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने निगम को अपने कामकाज में व्यावसायिकता अपनाने के निर्देश दिए तथा कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने अगले वर्ष तक हिमाचल प्रदेश को देश का हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है।

