October 13, 2025
Himachal

बिलासपुर गांव में भूस्खलन बस हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 16 हुई

The death toll in the Bilaspur village landslide bus accident has risen to 16.

बिलासपुर ज़िले के झंडुत्ता उपमंडल के बालूघाट में कल हुए बस हादसे में एक और शव मिलने के साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है। आज सुबह मलबे से एक शव बरामद किया गया। मृतक की पहचान आठ वर्षीय राहुल के रूप में हुई है। वह अपनी माँ और दादी के साथ घर लौट रहा था, तभी भूस्खलन में उसकी मौत हो गई।

कल हुए भीषण भूस्खलन में दबी दुर्भाग्यपूर्ण बस के मलबे से 15 शव बरामद किए गए हैं। इस हादसे में केवल दो बच्चे – एक लड़का और एक लड़की – ही जीवित बचे हैं।

तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दुर्घटना की न्यायिक जाँच के आदेश दे दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि इलाके के लोगों ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को दुर्घटनास्थल की कमज़ोरी के बारे में बताया था। धर्माणी ने कहा कि हालाँकि भूस्खलन एक प्राकृतिक आपदा थी, फिर भी सरकार इस घटना के हर पहलू की जाँच करेगी, जिसमें 16 अनमोल जानें चली गईं।

इस बीच, भल्लू गांव में हुई दुखद बस दुर्घटना के बाद राहत एवं बचाव कार्य आज दोपहर रोक दिया गया।

बिलासपुर के उपायुक्त राहुल कुमार ने बताया कि शाम करीब 6:40 बजे मरोतन-घुमारवीं मार्ग पर चलने वाली एक निजी बस, जिसका पंजीकरण संख्या HP69-5761 है, बरथिन कस्बे के पास बालूघाट गाँव के पास हुए भीषण भूस्खलन की चपेट में आ गई, जिसमें 16 लोगों की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि मृतकों में नौ पुरुष, चार महिलाएँ और तीन बच्चे शामिल हैं, जबकि दो बच्चे, शौर्य और आरुषि, बच गए। उन्हें मामूली चोटें आईं और आज सुबह इलाज के बाद उन्हें एम्स, बिलासपुर से छुट्टी दे दी गई।

उपायुक्त ने बताया कि सभी मृतकों के शव बरठीं स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं। जिला प्रशासन ने प्रत्येक शोक संतप्त परिवार को 25,000 रुपये की तत्काल राहत प्रदान की है। राहत दिशानिर्देशों के तहत इन परिवारों को 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस दुखद घटना पर दुख व्यक्त किया है और प्रभावित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।

बचाव अभियान की निगरानी कर रहे पुलिस अधीक्षक संदीप धवल ने बताया कि शवों को निकालने के लिए पुलिस और होमगार्ड के जवानों के अलावा एनडीआरएफ की टीम भी तैनात की गई थी। उन्होंने स्थानीय लोगों के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने तुरंत कार्रवाई करके दो बच्चों शौर्य और आरुषि को बचा लिया।

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