April 1, 2025
National

दिल्ली में सरकार को प्राथमिकताओं पर ध्यान देने की जरूरत : गोपाल राय

The government needs to focus on priorities in Delhi: Gopal Rai

दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री गोपाल राय ने मौजूदा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को सभी समाजों की सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं का सम्मान और प्रोत्साहन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब आम आदमी पार्टी की सरकार थी, तब न केवल इफ्तार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे, बल्कि दीपावली के भी कार्यक्रम होते थे। सरकार का कर्तव्य होता है कि वह सभी समुदायों को समान रूप से सम्मान दे और उनकी परंपराओं को आगे बढ़ाए।

गोपाल राय ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार जिस मेनिफेस्टो और “मोदी गारंटी” के आधार पर बनी थी, उन वादों को पूरा करने पर उसका फोकस कम होता दिख रहा है।

उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिनों से सरकार की प्राथमिकताएं बदलती नजर आ रही हैं और सदन में भी जनता से जुड़े मुद्दों की अपेक्षा अन्य विषयों पर ज्यादा चर्चा हो रही है। उन्होंने दिल्ली में बढ़ते तापमान और आगामी जल संकट को लेकर सरकार को आगाह किया।

उन्होंने कहा कि हाल ही में दिल्ली में हाईवे जाम की घटनाएं सामने आई हैं, जहां लोग बिजली कटौती को लेकर सड़कों पर उतरे। आने वाले दिनों में पानी की कमी भी गंभीर समस्या बन सकती है। ऐसे में सरकार को अपनी प्राथमिकताएं तय करनी होंगी और दिल्लीवासियों की मूलभूत समस्याओं के समाधान पर ध्यान देना होगा।

गोपाल राय ने अरविंद केजरीवाल सरकार के कार्यकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि दिल्ली देश का पहला राज्य बना, जहां 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की गई और फ्री बिजली दी गई। दिल्ली में पानी की समस्या को हल करने के लिए अनधिकृत कॉलोनियों तक पाइपलाइन बिछाई गई, जिससे वहां के लोगों को भी जल आपूर्ति मिलने लगी। शिक्षा क्षेत्र में भी सुधार हुआ, सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाया गया और मोहल्ला क्लीनिक की शुरुआत हुई।

उन्होंने प्रदूषण के मुद्दे पर कहा कि 2016 में केवल 109 दिन ऐसे थे, जब दिल्ली की हवा साफ थी, लेकिन आम आदमी पार्टी सरकार की पहलों के कारण यह आंकड़ा बढ़कर 209 दिन हो गया। अब भाजपा सरकार की जिम्मेदारी है कि इसे 309 दिन तक पहुंचाए, लेकिन सरकार की प्राथमिकताएं केवल योजनाओं के नाम बदलने और घोषणाओं तक सीमित नजर आ रही हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को यह समझना होगा कि विपक्ष की तरह आलोचना करके पांच साल पूरे नहीं किए जा सकते। दिल्ली के लोगों ने उन्हें जिम्मेदारी दी है, इसीलिए अब केवल बयानबाजी से काम नहीं चलेगा। आने वाले दिनों में बिजली संकट, पानी की कमी और सर्दियों में प्रदूषण का संकट बढ़ सकता है, जिसके लिए सरकार को गंभीरता से तैयारी करनी होगी।

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