राज्य कैडर प्रणाली के क्रियान्वयन के खिलाफ पटवारी एवं कानूनगो एसोसिएशन, चंबा इकाई की अनिश्चितकालीन हड़ताल मंगलवार को चौथे दिन में प्रवेश कर गई। प्रदर्शनकारी अधिकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और निर्णय वापस लेने की मांग की। पिछले दो-तीन दिनों से पटवारी और कानूनगो विरोध स्वरूप मुख्यालय में सामूहिक अवकाश पर थे। करीब एक सप्ताह से कार्यालयों से उनकी अनुपस्थिति के कारण राजस्व संबंधी कार्य बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जिससे लोगों को भूमि और संपत्ति के मामलों के समाधान के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
एसोसिएशन की चंबा इकाई के महासचिव जीतेंद्र शर्मा ने कहा कि जब तक सरकार अपना फैसला वापस नहीं ले लेती, हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि राज्य कैडर प्रणाली लागू करने से जिले में पटवारियों और कानूनगो की वरिष्ठता सूची बाधित होगी, जिससे भविष्य में पदोन्नति पर नकारात्मक असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इससे अनावश्यक कानूनी विवाद पैदा हो सकते हैं, जिसका असर कर्मचारियों, सरकार और विभागीय कामकाज पर पड़ सकता है।
सरकार लंबे समय से पटवारियों और कानूनगो को राज्य कैडर में स्थानांतरित करने पर विचार कर रही थी, जिसका एसोसिएशन ने कड़ा विरोध किया था। हालांकि, हाल ही में इस फैसले की पुष्टि करने वाली आधिकारिक अधिसूचना जारी होने के बाद विरोध और तेज हो गया है। इस नई व्यवस्था के तहत अब पटवारी और कानूनगो को राज्य के भीतर कहीं भी स्थानांतरित किया जा सकेगा, जबकि पहले जिला कैडर व्यवस्था के तहत उनकी पोस्टिंग एक ही जिले तक सीमित रहती थी।
एसोसिएशन के सदस्यों ने इस कदम के खिलाफ कड़ी नाराजगी जताई है, उनका तर्क है कि उनकी भर्ती और पदोन्नति के नियम जिला कैडर प्रणाली के तहत बनाए गए थे। उनका मानना है कि राज्य कैडर में जाना अनुचित है और इससे उनके करियर की प्रगति में बाधा आएगी। हड़ताली अधिकारियों ने तब तक अपना विरोध जारी रखने की कसम खाई है जब तक सरकार अपना फैसला वापस नहीं ले लेती।
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