N1Live Entertainment ‘देश में बढ़ रहा पश्चिमी संगीत का प्रभाव’, एनडीटीवी के कार्यक्रम में बोले जावेद अख्तर
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‘देश में बढ़ रहा पश्चिमी संगीत का प्रभाव’, एनडीटीवी के कार्यक्रम में बोले जावेद अख्तर

'The influence of western music is increasing in the country', said Javed Akhtar in NDTV's program

हिंदी सिनेमा के जाने माने गीतकार जावेद अख्तर ने शुक्रवार को निजी टेलीविजन चैनल एनडीटीवी के विशेष कार्यक्रम ‘क्रिएटर्स मंच’ में शिरकत की। उन्होंने आज के संगीत और हिंदी सिनेमा पर बेबाकी से अपने विचार रखे। उन्होंने वर्तमान दौर के संगीत की प्रवृत्तियों पर सवाल उठाए और बताया कि कैसे भारत में पश्चिमी संगीत को ज्यादा पसंद किया जा रहा है।

कार्यक्रम के दौरान जावेद अख्तर ने कहा कि पश्चिमी दुनिया में संगीत सुनने के लिए होता है, लेकिन भारत एक ऐसा देश है जहां आम लोग भी गाते हैं। हमारा देश गायकों का है। आज भारत में पश्चिमी संगीत का प्रभाव बढ़ता जा रहा है, जबकि पश्चिमी देशों में आज भी संगीत का जनसामान्य में इतना चलन नहीं है।

लता मंगेशकर के एक पुराने उद्धरण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि लता जी ने कहा था कि पहले संगीत ऐसा होता था जिससे गायकों को थोड़ा आराम मिल सके। लेकिन अब संगीत ऐसा हो गया है कि संगीत को ही आराम मिल जाए। उन्होंने यह बात आज के समय में बनाए जा रहे अनावश्यक संगीत की ओर इशारा करते हुए कही।

अख्तर ने इस बात पर चिंता जताई कि आज जो संगीत बनाया जा रहा है उसकी कोई जरूरत नहीं है। इसलिए धीरे-धीरे संगीत खत्म हो रहा है। उन्होंने कहा कि जो संगीत दिल को छू सके, उसकी कमी होती जा रही है।

उन्होंने कहा कि आजकल के गायन रियलिटी शोज में जो बच्चे आते हैं, वह 40 साल पुराने गाने गाते हैं। कोई भी नया गाना नहीं गाता जो कुछ दिन पहले ही रिलीज हुआ हो। अख्तर का यह बयान इस ओर संकेत करता है कि मौजूदा संगीत में स्थायित्व की कमी है और लोग पुराने संगीत से आज भी अधिक जुड़ाव महसूस करते हैं।

इंडस्ट्री में सलीम-जावेद की जोड़ी से अपनी पहचान पाने वाले जावेद अख्तर ने पांच बार सर्वश्रेष्ठ गीतकार के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और आठ बार सर्वश्रेष्ठ गीतकार के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीता। फिल्म उद्योग में उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वह 2010 से 2016 तक राज्यसभा के नामित सदस्य भी रह चुके हैं। उनकी कविता और गीत अक्सर गहरे सामाजिक विषयों को दर्शाते हैं, जिससे वे भारतीय कला में एक सम्मानित व्यक्ति बन गए हैं। उनकी अनूठी शैली और भावनाओं को बुद्धि के साथ मिलाने की क्षमता ने उद्योग पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ा है।

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