मस्तनाथ मठ का देशमेला बड़े सियासी संदेश दे गया। योगी आदित्यनाथ और भूपेंद्र सिंह हुड्डा की आत्मीयता ने सबका ध्यान खींचा। यूपी के सीएम धार्मिक आयोजन में सियासी शुचिता का पाठ पढ़ा गए। आरएसएस प्रमुख के सामने मंच पर भविष्य के कई संकेत भी दिखे। उत्तर भारत के प्रसिद्ध मस्तनाथ मठ में आयोजित देशमेला बड़े सियासी संदेश दे गया। एक तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत की मंच पर मौजूदगी में सभी राजनीतिक और धार्मिक वक्ता सनातन को आगे रख हिंदू धर्म के सभी संप्रदाय और समाज को एकजुट करने की जमीन तैयार करते दिखे। दूसरे, हरियाणा और राजस्थान में भाजपा की राजनीति क्या करवट लेगी, इसका इशारा भी दो दिन के आयोजन के अंतिम दिन मिलता दिखा।
रोहतक के अस्थल बोहर मठ में गुरुवार को मोहन भागवत, योगी आदित्यनाथ और बाबा रामदेव की मौजूदगी वाले मंच पर जिस गर्मजोशी से हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके राज्यसभा सदस्य पुत्र दीपेंद्र सिंह हुड्डा का स्वागत किया गया, उसने राजनीतिक पंडितों का ध्यान भी खींचा।इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सियासी शुचिता का उदाहरण भी संत समाज के सामने रखा। मंच पर पहुंचे कांग्रेस के नेता और हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का उन्होंने कुर्सी से उठकर और हाथ मिलाकर स्वागत किया। हुड्डा के लिए बैठने के स्थान की व्यवस्था के लिए योगी खुद संकेत देते दिखे।
अलवर के सांसद और मस्तनाथ मठ के गद्दीनशीन महंत बालकनाथ ने अपने गुरु महंत चांदनाथ की मूर्ति अनावरण समारोह और देशमेले में गृह मंत्री अमित शाह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत, योग गुरु बाबा रामदेव के साथ हरियाणा के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बुलाकर अपने बढ़ते सियासी कद का अहसास भी कराया है। भाजपा ने तीन दिन पहले ही उन्हें राजस्थान विधानसभा चुनाव में उतारा है। इस आयोजन से उनकी चुनाव में बड़ी भूमिका तय मानी जा रही है।
हरियाणा में भाजपा की सरकार है। हरियाणा की सियासी राजधानी कहे जाने वाले रोहतक में दो दिन चले इतने बड़े आयोजन में भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ आए। आरएसएस के प्रमुख भी गुरुवार को पहुंचे। हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले योग गुरु बाबा रामदेव मौजूद रहे। लेकिन, दोनों दिन हरियाणा सरकार का कोई बड़ा चेहरा मंच पर नजर नहीं आया। वैसे तो यह अस्थल बोहर मठ का धार्मिक आयोजन था, लेकिन संघ और भाजपा के दिग्गजों के बीच हरियाणा के दिग्गजों की अनुपस्थिति चर्चा में रही।
Leave feedback about this