कांगड़ा जिले के इंदोरा स्थित सरकारी गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल के गणितज्ञ और प्रधानाचार्य मोहन शर्मा ने सोमवार को राजस्थान के अजमेर स्थित क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (आरआईई) में 22 से 24 दिसंबर तक आयोजित हो रहे 14वें राष्ट्रीय गणित शिक्षा सम्मेलन के दौरान एक शोध पत्र प्रस्तुत किया
यह सम्मेलन राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के अंतर्गत आरआईई द्वारा आयोजित किया जा रहा है। यह आयोजन राष्ट्रीय गणित दिवस के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है, जो देश के महानतम गणितज्ञों में से एक श्रीनिवास रामानुजन की जयंती है। सम्मेलन में 180 शोध पत्र प्राप्त हुए, जिनमें से 92 का चयन किया गया – जिसमें शमा द्वारा प्रस्तुत पत्र भी शामिल है।
उनके शोध पत्र का शीर्षक “डेटा डिटेक्टिव्स: सातवीं कक्षा के गणित का एक मिश्रित शिक्षण ढांचा – डेटा हैंडलिंग की अवधारणा” था, जिसमें कक्षा में शिक्षार्थियों के लिए गणित में नवीन प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया था। उनके शोध कार्य में वास्तविक जीवन के सहसंबंधों, मिश्रित शिक्षण रणनीतियों, विभेदित अनुदेश और सहकर्मी मूल्यांकन के माध्यम से डेटा प्रबंधन की अवधारणा को सार्थक और आकर्षक बनाने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है। यह ढांचा छात्रों को ‘डेटा जासूस’ के रूप में डेटा का अन्वेषण करने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे आलोचनात्मक सोच, सहयोगात्मक शिक्षण, अनुभवात्मक अधिगम और अनुसंधान-आधारित शिक्षण पद्धतियों को बढ़ावा मिलता है।
शर्मा पहले ही विभिन्न मंचों पर छह शोध पत्र प्रस्तुत कर चुके हैं।
इनमें से दो शोधपत्र – “कक्षा एक में सीखने की सीमा में बच्चों द्वारा सामना की जाने वाली कठिनाइयों और इसके उपचारात्मक उपायों का अध्ययन” और “गणित सीखने में अंतराल को कवर करने वाली गणित शिक्षा में अभिनव प्रथाएं” – क्रमशः सितंबर 2021 और मार्च 2019 में ग्लोबल जर्नल फॉर रिसर्च एजुकेशन में प्रकाशित हुए थे।
शर्मा को सरकारी स्कूलों में गणित पढ़ाने का 29 वर्षों का अनुभव है, और उनकी तीन परियोजनाओं को अमेरिका स्थित संगठनों द्वारा छोटे अनुदानों के लिए मान्यता दी गई है।

