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उपेंद्र कुशवाहा और पवन सिंह की मुलाकात राजनीतिक दृष्टि से अप्रासंगिक : सुधाकर सिंह

The meeting between Upendra Kushwaha and Pawan Singh is politically irrelevant: Sudhakar Singh

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद सुधाकर सिंह ने मंगलवार को राष्ट्रीय लोक मोर्चा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा और भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के कलाकार पवन सिंह की मुलाकात को भारतीय राजनीति के लिहाज से अप्रासंगिक करार दिया।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि आज की तारीख में भारतीय राजनीति में स्थिति ऐसी बन चुकी है कि उपेंद्र कुशवाहा किसी से भी मुलाकात कर लें, कोई फर्क नहीं पड़ता। उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है। ऐसे में उनकी किसी से भी मुलाकात अप्रासंगिक ही साबित होगी। अगर पवन सिंह की बात करें, तो वो भाजपा की बी-टीम हैं, जिसका इस्तेमाल भाजपा अपने लिए करना बखूबी जानती है।

उन्होंने एसआईआर पर कहा कि जब हमने चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की थी, तो हमें बताया गया था कि हम 20 फीसद मतदाताओं को हटाने का प्लान बना रहे हैं। किसी भी वैध मतदाता को सूची से हटाना फांसी पर चढ़ाने जैसा है, जिसका अधिकार चुनाव आयोग को नहीं दिया गया है। किसी को भी संविधान और कानून के तहत ही अधिकार दिया गया है। अगर कोई कानून के इस दायरे से बाहर जाने की कोशिश करेगा, तो निश्चित तौर पर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में हमारी ओर से किए गए प्रयासों से ही ‘वोट चोरी’ का मुद्दा प्रकाश में आया था। इसी वजह से 65 लाख से ज्यादा मतदाता, जिन्हें मतदाता सूची से हटाया जाना था, उन्हें रोक दिया गया। अब इस पर हम आगे समीक्षा करेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि महागठबंधन में सीटों का बंटवारा लगभग हो चुका है। निश्चित तौर पर जो नए दल हमारे इस गठबंधन में आए हैं, उनके लिए भी सीटों का बंटवारा किया जाएगा। इस दिशा में तमाम प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। दो-चार दिन में इसके बारे में बता दिया जाएगा। अब बिहार नीतीश कुमार से मुक्ति चाहता है। कोई यह नहीं चाहता है कि कौन कितने सीटों पर लड़ेगा। सभी का एक ही मकसद है कि बिहार को नीतीश कुमार से मुक्ति मिले।

वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विदेश दौरे पर सुधाकर सिंह ने कहा कि वो आमतौर पर भारतीय प्रवासियों से संवाद स्थापित करने के लिए जाते हैं। मैं समझता हूं कि यह कोई बहुत बड़ा विषय है, जिसे इतना तूल दिया जा रहा है। राहुल गांधी 16 दिन बिहार में रहे। वहां के लोगों से संवाद स्थापित किया और उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं का निवारण किया जाएगा।

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