कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने मंगलवार को विद्यालय में आयोजित एक समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि कांगड़ा जिले के नागरोटा सूरियन स्थित पीएम श्री गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल (जीएसएसएस) का सीबीएसई से संबद्ध होना और इसे उत्कृष्टता विद्यालय के रूप में मान्यता मिलना राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मंत्री महोदय ने विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों को संबोधित करते हुए विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। उन्होंने याद दिलाया कि पूर्वकाल में शिक्षण संस्थानों की संख्या सीमित थी और विद्यार्थियों को अक्सर स्कूल जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी। उन्होंने आगे कहा, “संसाधनों की कमी के बावजूद, सरकारी स्कूलों ने ऐसे विद्यार्थी तैयार किए जिन्होंने आगे चलकर नागरिक और सैन्य प्रशासनों में प्रतिष्ठित पदों पर आसीन हुए।”
उन्होंने सरकारी स्कूलों में छात्रों की घटती संख्या पर चिंता व्यक्त की और कहा कि निजी संस्थानों में छात्रों के बढ़ते पलायन ने समय के साथ गंभीर अविश्वास पैदा कर दिया है। उन्होंने आगे कहा कि लगभग 450 सरकारी स्कूल बंद हो चुके हैं, जो चिंता का विषय है। उन्होंने जोर देकर कहा, “शिक्षक हैं, छात्र हैं, लेकिन शिक्षा नहीं है। शिक्षकों के बीच निरंतर ज्ञान अद्यतन और आत्म-उन्नयन की आवश्यकता है।”
उन्होंने कहा कि नागरोटा, सूरियन और जवाली स्थित सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को सीबीएसई से संबद्ध करना शैक्षणिक स्तर को ऊपर उठाने और सरकारी स्कूलों में जनता का विश्वास बहाल करने की दिशा में एक कदम है। मंत्री ने एक पुरानी घटना को याद करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने आग से क्षतिग्रस्त हुए स्कूल भवन का पुनर्निर्माण तीन महीने के भीतर सुनिश्चित किया था।
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली राज्य सरकार सरकारी स्कूलों के स्तर को ऊपर उठाने के लिए तत्पर है। स्कूल के प्रधानाध्यापक हरभजन सिंह सोहल ने वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी।

