नगर निगम शिमला ने संपत्ति कर न चुकाने वालों के नाम अपनी वेबसाइट और डिस्प्ले बोर्ड पर सार्वजनिक करने का फैसला किया है। निगम के अनुसार, 2,000 से ज़्यादा घर ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक निगम को संपत्ति कर नहीं चुकाया है, और कई घरों ने पिछले कुछ सालों से बकाया राशि का भुगतान नहीं किया है।
नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री की अध्यक्षता में हाल ही में आयोजित बैठक के दौरान यह निर्देश पारित किए गए। लंबित किराया 2,000 परिवारों ने अभी तक शिमला नगर निगम को संपत्ति कर का भुगतान नहीं किया है। करीब 500 दुकानदार ऐसे हैं जिन्होंने निगम की दुकानों का किराया नहीं चुकाया है।
अधिकारियों को उन दुकानदारों के प्रतिष्ठानों को सील करने के निर्देश दिए गए हैं जो नोटिस मिलने के बाद भी भुगतान करने में विफल रहे हैं। बैठक के दौरान यह बात सामने आई कि 2,000 से ज़्यादा घरों पर निगम का संपत्ति कर बकाया है और नोटिस जारी होने के बावजूद वे अभी तक भुगतान नहीं कर रहे हैं। यह भी बताया गया कि करीब 500 दुकानदार ऐसे हैं जिन्होंने नगर निगम की दुकानों का किराया नहीं चुकाया है।
नगर निगम आयुक्त ने संबंधित अधिकारियों को बकायादारों को नए सिरे से नोटिस जारी करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि बकाया राशि का भुगतान न करने पर उपरोक्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, अधिकारियों को उन दुकानदारों की दुकानें सील करने का भी निर्देश दिया गया, जिन्होंने नोटिस मिलने के बाद भी निगम को किराया नहीं दिया है।
इससे पहले निगम ने संपत्ति कर बकाएदारों को नोटिस जारी कर चेतावनी दी थी कि यदि वे निर्धारित समय में बकाया संपत्ति कर जमा नहीं करवाएंगे तो उनकी पानी व बिजली की आपूर्ति काट दी जाएगी।