वन अधिकार अधिनियम, 2006 के अंतर्गत जिला स्तरीय समिति की बैठक आज संबंधित वन प्रभाग अधिकारियों की अनुपस्थिति के कारण स्थगित करनी पड़ी। यह बैठक शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में होनी थी। इस मामले पर संज्ञान लेते हुए उपायुक्त ने कहा कि बैठक में न आने वाले अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
डीसी ने कहा कि डोडरा क्वार उपमंडल के नौ गांवों के वन अधिकारों के मुद्दे को सुलझाया जाना है और संबंधित अधिकारियों को 27 जनवरी को होने वाली बैठक के बारे में सूचित कर दिया गया है। उन्होंने कहा, “इसके अतिरिक्त, रोहड़ू उपमंडल में तीन सड़कों और शिमला (शहरी) क्षेत्र में दो विकास परियोजनाओं के मुद्दों पर चर्चा की जानी है और निर्णय लिए जाने हैं।”
डीसी ने कहा, “रोहडू और शिमला (शहरी) के डीएफओ बैठक में नहीं आए, न ही उन्होंने पहले से सूचना भेजी। इसके बजाय, उन्होंने अपने स्थान पर रेंज अधिकारियों को भेजा।”
उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है क्योंकि अधिनियम के तहत दिए गए अधिकारों और क्षेत्र में विकास गतिविधियों के लिए समय पर निर्णय नहीं लिए जा सके। उन्होंने प्रमुख सचिव (वन) और मुख्य वन संरक्षक से इस मुद्दे को सुलझाने का आग्रह भी किया।
डीसी ने कहा, “ऐसी महत्वपूर्ण बैठकों से अधिकारियों की अनुपस्थिति से जनहित पर समय पर निर्णय लेने में बाधा आती है। ऐसी देरी से जनता के हित के लिए ठोस निर्णय लेने में बाधा आती है। भविष्य में किसी भी अधिकारी को बैठकों से अनुपस्थित नहीं रहना चाहिए।”