N1Live National पटना में उद्योगपति खेमका की हत्या दुखद, कानून अपराधियों को बख्शेगा नहीं: नीरज कुमार
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पटना में उद्योगपति खेमका की हत्या दुखद, कानून अपराधियों को बख्शेगा नहीं: नीरज कुमार

The murder of industrialist Khemka in Patna is sad, the law will not spare the criminals: Neeraj Kumar

उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या से सब स्तब्ध हैं। इस मामले को लेकर सियासत भी खूब होने लगी है। विपक्ष का कहना है कि बिहार में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। विपक्ष के आरोपों पर जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कानून अपराधियों से सख्ती से निपटेगा।

जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने सिवान की घटना पर आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “सिवान में लंबे समय से चल रहे सत्ता संघर्ष में धारदार हथियार से हत्या की गई। इस घटना के बाद एसपी 40 मिनट के भीतर घटनास्थल पर पहुंचे और दो घंटे के भीतर छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, परिवार ने अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं कराई है, लेकिन पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की है। एसडीपीओ महाराजगंज और डीएसपी साइबर के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है। गहन जांच में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। सत्ता संघर्ष के तहत यह हिंसक आपराधिक कृत्य आतंकवाद का एक रूप है और कानून अपराधियों से सख्ती से निपटेगा।”

नीरज कुमार ने उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या पर दुख जताया। उन्होंने कहा, “उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या मर्मांतक और पीड़ाजनक है। डीजीपी ने तत्काल संज्ञान लिया और एसपी सेंट्रल के नेतृत्व में एसआईटी गठित की है। पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि अपराधी जल्द कानून के जद में होंगे और अपराध करने का जो ‘फेफड़ा’ है, उसको दुरुस्त कर दिया जाएगा।”

जेडीयू नेता ने महागठबंधन की ओर से किए गए बंद के ऐलान पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा, “महागठबंधन को चक्का-जाम करने का अधिकार है, लेकिन उन्हें अपनी जिम्मेदारियों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। उन्हें लालू प्रसाद यादव की संपत्तियों के खिलाफ भी घेराबंदी करनी चाहिए। अगर बिहार बंद करना है, तो लालू प्रसाद यादव के महुआ बाग आवास और ऐसी अन्य जगहों के पास भी विरोध प्रदर्शन होना चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा, “मुद्दा यह है कि लोकतंत्र में उन्हें विरोध करने का अधिकार है, लेकिन इन मुद्दों को संबोधित करने के लिए चुनाव आयोग सक्षम प्राधिकारी है। ऐसे मामलों पर प्रतिक्रिया देना और संवैधानिक निकायों से कार्रवाई का अनुरोध करना चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में है। मैं पूछना चाहता हूं कि अगर वे 2025 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार बंद कर रहे हैं तो पहले उन्हें यह बताना चाहिए कि वे लालू यादव को राजनीतिक नजरबंदी से कब निकाल रहे हैं।”

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