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मराठी और महाराष्ट्र के हित के लिए हम और राज ठाकरे आगे भी साथ रहेंगे : उद्धव ठाकरे

For the benefit of Marathi and Maharashtra, we and Raj Thackeray will continue to be together: Uddhav Thackeray

महाराष्ट्र में भाषा विवाद के बीच शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को घोषणा की है कि मराठी और महाराष्ट्र के हित के लिए वह और राज ठाकरे साथ रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में हिंदी थोपे जाने को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

शिव सेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को अपने बयान में कहा कि वे महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के साथ मिलकर मराठी भाषा, मराठी मानुष और महाराष्ट्र के संरक्षण के लिए एकजुट हैं और यह एकजुटता की केवल एक शुरुआत है। बालासाहेब ठाकरे के महाराष्ट्र के सपने को पूरा करने के लिए वे भविष्य में एक साथ रहेंगे।

शिव सेना (यूबीटी) और मनसे की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित ‘विजय रैली’ में उद्धव ने कहा, “हमारे बीच की दूरी को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खत्म किया। अब मैं उम्मीद करता हूं कि वे हमें बांटने की कोशिश नहीं करेंगे। हम साथ रहने के लिए एक साथ आए हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में हिंदी भाषा को जबरन थोपने को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उद्धव ने भाजपा पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि वे अपने सहयोगियों का इस्तेमाल सिर्फ अपने फायदे के लिए करते हैं।

उन्होंने कहा, “मेरे पिता ने इस पाखंड के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। अब हम दोनों (उद्धव और राज) मिलकर भाजपा को सत्ता से बाहर करेंगे। भाजपा का काम इस्तेमाल करना और फेंकना है। अगर बालासाहेब ठाकरे का आशीर्वाद भाजपा पर नहीं होता, तो ये लोग कहां होते?”

उन्होंने भाजपा के उन आरोपों का भी जवाब दिया, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने हिंदुत्व छोड़ दिया। उद्धव ने कहा, “हमने न तो हिंदुत्व छोड़ा है और न ही मराठी गौरव के लिए लड़ने का संकल्प। हिंदुत्व किसी एक भाषा का एकाधिकार नहीं है। हम, जो शुद्ध मराठी बोलते हैं, आपसे ज्यादा देशभक्त हिंदू हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि जब वे मुख्यमंत्री थे, तब मराठी भाषा को अनिवार्य किया गया था और मराठी भवन का निर्माण शुरू हुआ था। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार ने इसे बाद में रद्द कर दिया।

मुख्यमंत्री फडणवीस की चेतावनी का जिक्र करते हुए उद्धव ने कहा, “अगर महाराष्ट्र में कोई मराठी व्यक्ति न्याय मांगता है और आप उन्हें गुंडा कहते हैं, तो हम गुंडे हैं। मुंबई हमारा अधिकार है, हमने इसके लिए लड़ाई लड़ी और इसे हासिल किया। हमने कश्मीर में धारा 370 हटाने का समर्थन किया था। हम हिंदी को जबरन नहीं थोपते, लेकिन अगर कोई महाराष्ट्र में मराठी का विरोध करेगा, तो उसका जवाब दिया जाएगा।”

उन्होंने भाजपा और शिवसेना पर तंज कसते हुए कहा, “कुछ लोग कहते हैं कि उनका ‘एम’ मराठी का नहीं, बल्कि म्युनिसिपल कॉरपोरेशन का ‘एम’ है, लेकिन हमारे लिए ‘एम’ का मतलब महाराष्ट्र है।”

उन्होंने कहा, “सत्ता आती-जाती रहती है, लेकिन एकता ही ताकत है।” उद्धव ने भाजपा के चुनावी नारे ‘बटेंगे तो कटेंगे’ की भी आलोचना की और उन पर मराठी लोगों के बीच फूट डालने का आरोप लगाया।

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