N1Live National नई शिक्षा नीति हजारों साल पुरानी संस्कृति और भाषाओं से भी छात्रों को जोड़ेगी : अमित शाह
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नई शिक्षा नीति हजारों साल पुरानी संस्कृति और भाषाओं से भी छात्रों को जोड़ेगी : अमित शाह

The new education policy will also connect students with thousands of years old culture and languages: Amit Shah

इंदौर, 14 जुलाई । मध्य प्रदेश को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में रविवार को बड़ी सौगात मिली। इंदौर में आयोजित समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदेश के 55 प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस की शुरुआत की।

इस अवसर पर उन्होंने कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी ने हम सबके लिए एक लक्ष्य रखा है, वर्ष 2047 में जब देश की आजादी के 100 साल होंगे, तब तक हमारा देश हर क्षेत्र में विश्व भर में प्रथम होगा, ऐसे भारत का निर्माण करना है। ऐसा शिक्षा नीति को मजबूत किए बगैर नहीं हो सकता, इसीलिए पीएम मोदी ने वर्ष 2020 में आगामी 25 साल की जरूरत को पूरा करने वाली सभी चीजों को विजुलाइज करके नई शिक्षा नीति बनाई। यह नई शिक्षा नीति आगामी 25 सालों तक भारत के विद्यार्थियों को विश्व भर के विद्यार्थियों के साथ स्पर्धा के योग्य बनाएगी और दूसरी ओर हजारों साल पुरानी हमारी संस्कृति और भाषाओं के साथ भी विद्यार्थियों को जोड़ने का काम करेगी।”

उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा, ”पूरे देश में अगर सबसे पहले नई शिक्षा नीति कहीं जमीन पर उतरी तो वह मध्य प्रदेश है। पूरे देशभर में इंजीनियरिंग और मेडिकल साइंस का अभ्यास क्रम अगर किसी राज्य ने अपनी भाषा में अनुवादित किया तो वह मध्य प्रदेश ने किया था। इससे बहुत सारे गरीब बच्चों को मातृभाषा में उच्च शिक्षा, मेडिकल साइंस और इंजीनियरिंग का ज्ञान लेने में लाभ मिला है। आज 500 करोड़ की लागत से कॉलेज आफ एक्सीलेंस का शुभारंभ हो रहा है, यह सिर्फ नाम बदलने का कार्यक्रम नहीं है। इसके पैरामीटर, क्राइटेरिया तय किए गए हैं। यह सभी कॉलेज तय मापदंडों को पूरा करते हैं।”

मुख्यमंत्री मोहन यादव और उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने भी नई शिक्षा नीति से होने वाले लाभों का जिक्र किया।

राज्य के सभी जिलों में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस की शुरुआत हुई है। वर्तमान में मौजूद काॅलेजों को ही अपग्रेड कर नया दर्जा दिया गया है। इन काॅलेजों में सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। साथ ही जरूरत के मुताबिक आने वाले समय में प्रोफेसर्स की पदस्थापना की जा रही है।

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