N1Live National बिहार की जनता सब जानती है, मेरा ध्यान युवाओं और उनकी चिंताओं पर : तेजप्रताप यादव
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बिहार की जनता सब जानती है, मेरा ध्यान युवाओं और उनकी चिंताओं पर : तेजप्रताप यादव

The people of Bihar know everything, my focus is on the youth and their concerns: Tej Pratap Yadav

आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। इस बीच राजद नेता तेजस्वी यादव ने कथित तौर पर एसआईआर के विरोध में चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है।

तेजस्वी यादव के इस ऐलान पर उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव ने बड़ा बयान दिया है। आईएएनएस से खास बातचीत में तेजप्रताप यादव ने कहा कि यह तो आपको तेजस्वी यादव से पूछना होगा कि वे एसआईआर के विरोध में चुनाव बहिष्कार की बात क्यों कर रहे हैं। मैं अब न तो पार्टी का हिस्सा हूं और न ही राजद का सदस्य हूं, इसलिए मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता।

उन्होंने आगे कहा कि एसआईआर की बातें चुनाव के मद्देनजर की जा रही हैं। ये मुद्दे पहले कहां थे? ऐसा लगता है कि इस कवायद का मकसद समाजवादी विचारधारा के लोगों को बाहरी बताना है। लेकिन मैं ये जरूर कहूंगा कि बिहार की जनता डरी हुई नहीं है। वो समझ रही है कि क्या हो रहा है।

राजद से छह साल के लिए निष्कासित होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस साजिश के पीछे जो भी था, ईश्वर उसे देख रहा है। मैं उस मुद्दे से आगे बढ़ चुका हूं। मेरे लिए अब ये मुद्दा नहीं है। युवाओं का मुद्दा मेरे लिए महत्वपूर्ण है और अब मेरा ध्यान युवाओं और उनकी चिंताओं पर है।

आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में महुआ सीट से चुनाव लड़ने का जिक्र करते हुए तेजप्रताप यादव ने कहा कि मैं पहले भी वहां से चुनाव जीत चुका हूं और बिहार का स्वास्थ्य मंत्री रह चुका हूं। मैंने इस क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज भी बनवाया है। हमने वहां तमाम विकास कार्य किए हैं। इसलिए मैं फिर वहां से विधानसभा चुनाव लडूंगा। बिहार में कई युवा निर्दलीय के रूप में राजनीति में प्रवेश कर रहे हैं और मैं उनके लिए भी प्रचार करूंगा।

समाजवादी पार्टी कार्यालय जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव से हमारे पारिवारिक रिश्ते बहुत पुराने हैं। मैं बस सपा नेताओं से मिलने गया था। मीडिया ने इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया और दावा किया कि मैं पार्टी में शामिल हो रहा हूं।

उन्होंने आगे कहा कि कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। सच कहूं तो अब जब कोई इसका जिक्र करता है तो मुझे हंसी आती है। कोई नहीं जानता कि कब और कहां कौन अपराधी हमला कर दे। अगर ऐसा ही चलता रहा तो जेडीयू की सत्ता में वापसी नामुमकिन है।

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