January 23, 2025
National

संदेशखाली हिंसा को लेकर नहीं थम रहा सियासी संग्राम, अब बीजेपी टीम को पुलिस ने हिंसाग्रस्त इलाकों में जाने से रोका

The political struggle over Sandeshkhali violence is not stopping, now the police stopped the BJP team from going to the violence affected areas.

कोलकाता, 16 फरवरी । छह सदस्यीय केंद्रीय समिति को संदेशखाली हिंसा का जायजा लेने के दौरान पुलिस ने रोक दिया है। इस समिति में केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद शामिल थे।

संदेशखाली में महिलाओं के साथ हुई हिंसा और यौन दुराचार की जांच करने के लिए एक समिति का गठन किया गया।

इस समिति में अग्निमित्रा पॉल भी शामिल थीं, जो सुबह ही संदेशखाली के लिए रवाना हो गईं, लेकिन जैसे ही उन्होंने रामपुर मेंं प्रवेश किया, जो कि संदेशखाली से कुछ ही दूरी पर स्थित है, तो उन्हें पुलिस ने रोक दिया।

इस घटना के बाद समिति के सदस्यों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हुई। हालांकि, समिति के सदस्यों ने दलील दी कि महज पांच लोग ही संदेशखाली में प्रवेश करेंगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें इजाजत नहीं दी।

पुलिस के रोके जाने के बाद समिति के सदस्य सड़क पर बैठकर विरोध प्रदर्शन करने लगे।

समिति के सदस्यों ने आरोप लगाया कि राज्य प्रशासन को इस बात का डर है कि कहीं संदेशखाली की महिलाएं फरार तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां को लेकर कहीं कोई बड़ा खुलासा ना कर दें।

पॉल ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, ”मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मंशा साफ है। वो अपनी पार्टी के लोगों को बचाना चाहती हैं, जो प्रदेश में ऐसे जघन्य वारदातों के जिम्मेदार हैं। वो पश्चिम बंगाल के लिए शर्म हैं।”

इससे पहले गुरुवार को पश्चिम बंगाल में प्रतिपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के नेतृत्व में संदेशखाली जा रहे बीजेपी विधायकों को भी पुलिस ने रोक दिया था, जब वो रास्ते में थे।

बता दें कि उच्चस्तरीय केंद्रीय समति की संयोजक अन्नपूर्णा देवी हैं। दूसरे सदस्योंं में केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक, सांसद सुनीता दुग्गल, सांसद कविता पाटीदार, सांसद संगीता यादव और बृज लाल (राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक) शामिल हैं।

जहां एक तरफ बीजेपी की केंद्रीय टीम को पुलिस ने रोक दिया, वहीं दूसरी तरफ टीएमसी की फैक्ट फाइडिंग टीम को संदेशखाली में लोगों से बातचीत करते हुए देखा गया था।

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