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एलएसी पर सैनिकों को वापस हटाने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी: राजनाथ सिंह

The process of withdrawing troops from LAC is almost complete: Rajnath Singh

नई दिल्ली, 31 अक्टूबर । भारत और चीन के बीच एलएसी के कुछ इलाकों में सहमति बनी है। इसके आधार पर सैनिकों को वापस हटाने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। भारत की कोशिश होगी कि मामले को सैनिकों की वापसी प्रक्रिया से आगे ले जाया जाए, हालांकि इसके लिए इंतजार करना होगा।

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को यह महत्वपूर्ण जानकारी दी। राजनाथ सिंह ने कहा, “भारत और चीन के बीच एलएसी के कुछ इलाकों में मतभेदों को दूर करने के लिए कूटनीतिक और सैन्य दोनों स्तरों पर बातचीत जारी है। इसके परिणामस्वरूप समानता और आपसी सुरक्षा के आधार पर व्यापक सहमति बनी है। इस सहमति में पारंपरिक इलाकों में गश्त और चराई के अधिकार शामिल हैं। इस सहमति के आधार पर सैनिकों को वापस हटाने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। हमारी कोशिश होगी कि मामले को सैनिकों को वापस हटाने की प्रक्रिया से आगे ले जाया जाए, लेकिन इसके लिए हमें थोड़ा और इंतजार करना होगा।”

राजनाथ सिंह को गुरुवार को तवांग जाना था, लेकिन खराब मौसम के कारण वे नहीं जा सके। ऐसे में उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के तवांग में सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा ‘देश का वल्लभ’ और मेजर रालेंगनाओ ‘बॉब’ खातिंग ‘वीरता संग्रहालय’ राष्ट्र का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया।

रक्षा मंत्री ने यहां असम और तवांग को जोड़ने वाली ‘सेला’ सुरंग का विशेष उल्लेख किया, जो पूर्वोत्तर क्षेत्रों में संपर्क बढ़ाती है। उन्होंने कहा, “आने वाले समय में अरुणाचल फ्रंटियर हाईवे परियोजना पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र, खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ने में प्रमुख भूमिका निभाएगी। 2,000 किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग इस क्षेत्र के साथ-साथ पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण रणनीतिक और आर्थिक संपत्ति के रूप में अपनी पहचान बनाएगा।”

राजनाथ सिंह ने भारत के लौह पुरुष सरदार पटेल को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने स्वतंत्रता के बाद 560 से अधिक रियासतों को एकीकृत करने में सरदार पटेल की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया और कहा कि यह ऐसी उपलब्धि है जो एकीकृत भारत के लिए उनके अदम्य संकल्प और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

उन्होंने कहा, “यह प्रतिमा ‘देश का वल्लभ’ लोगों को एकता में ताकत और हमारे विभिन्नता में एकता वाले राष्ट्र के निर्माण के लिए आवश्यक उनकी अटूट भावना याद दिलाते हुए प्रेरित करेगी।”

रक्षा मंत्री ने असाधारण व्यक्तित्व के धनी और पूर्वोत्तर क्षेत्र तथा राष्ट्रीय सुरक्षा में अमूल्य योगदान देने वाले मेजर बॉब खातिंग को भी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, “मेजर खातिंग ने न केवल तवांग घाटी में भारत के शांतिपूर्ण समन्वय का नेतृत्व किया, बल्कि सशस्त्र सीमा बल, नागालैंड सशस्त्र पुलिस और नागा रेजिमेंट सहित आवश्यक सैन्य और सुरक्षा ढांचे की स्थापना भी की। ‘वीरता का संग्रहालय’ अब उनकी बहादुरी और दूरदर्शिता के लिए श्रद्धांजलि स्वरूप है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।”

थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी, 4 कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल गंभीर सिंह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

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