N1Live National एक देश एक चुनाव का प्रस्ताव लोकतंत्र की मूल भावना पर कुठाराघात : सीएम हेमंत सोरेन
National

एक देश एक चुनाव का प्रस्ताव लोकतंत्र की मूल भावना पर कुठाराघात : सीएम हेमंत सोरेन

The proposal of one country, one election is an attack on the basic spirit of democracy: CM Hemant Soren

रांची, 19 सितंबर । झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को अलोकतांत्रिक करार दिया है। उन्होंने इसे लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रतिक्रिया दी।

सीएम हेमंत सोरेन ने गुरुवार को एक्स पर पोस्ट किया, “एक देश एक चुनाव का प्रस्ताव लोकतंत्र की मूल भावना पर कुठाराघात है। यह हमारे संघीय ढांचे को कमजोर करने और राज्यों की स्वायत्तता को नष्ट करने का एक षड्यंत्र है। इस प्रस्ताव से लोगों की आवाज दबाई जाएगी और उनके मतदान के अधिकार का अपमान होगा। डिमोनेटाइजेशन की जन-विरोधी एवं असफल नीति की तरह ही यह कदम डी-डेमोक्रेटाइजेशन की तरफ धकेलने का प्रयास है। हम इस अलोकतांत्रिक कदम का पुरजोर विरोध करते हैं।”

रिपोर्ट के अनुसार, इसके पहले जामताड़ा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भी सीएम हेमंत सोरेन ने कहा था कि भाजपा के लोग चाहते हैं कि पूरे देश में एक ही दल राज करे। चाहे देश हो या राज्य, किसी दूसरी पार्टी की सरकार बने ही नहीं। ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के पीछे इनका यही मकसद है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने भी इस मुद्दे पर पार्टी का स्टैंड साफ किया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा का इरादा संविधान बदलने का है। इनकी खतरनाक मंशा को हम समझते हैं। इसके आगे ये लोग खास धर्म और विचार के लोगों को ही वोट देने का अधिकार देने की ओर आगे बढ़ेंगे। भाजपा जिस आग को अपने हाथ में लेकर चल रही है, उसी में जलकर खाक हो जाएगी। विधानसभा चुनाव में झारखंड की जनता इन्हें इनकी अलोकतांत्रिक मंशा का जवाब देगी।

बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर कोविंद समिति की सिफारिशों को मंजूरी दे दी। ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित समिति ने 14 मार्च 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। समिति का गठन 2 सितंबर 2023 को किया गया था। समिति ने 191 दिन तक राजनीतिक दलों तथा विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा के बाद 18,626 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कोविंद समिति की सिफारिशों को मंजूरी मिल गई।

Exit mobile version