December 27, 2024
National

36 साल पहले ‘द सैटेनिक वर्सेस’ पर लगा था बैन, बुक स्टोर पर किताब की बिक्री के साथ विरोध शुरू

‘The Satanic Verses’ was banned 36 years ago, protest started with the sale of the book at book stores

नई दिल्ली, 26 दिसंबर 36 साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार ने लेखक सलमान रुश्दी की विवादास्पद किताब ‘द सैटेनिक वर्सेस’ पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन, अब यह किताब एक बार फिर पाठकों के बीच में उपलब्ध है।

इस किताब के फिर से बाजार में आ जाने को लेकर अशोक श्रीवास्तव ने बताया कि ज्ञान कभी नया या पुराना नहीं होता है। ज्ञान जब भी मिल जाए लेना चाहिए। हमें शुरू में इस बात पर शंका हुई थी कि आखिर क्यों इस किताब पर प्रतिबंध लगाया गया था। यह किताब ऐसे लेखक ने लिखी है जो पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। कई सारे पुरस्कार उन्हें मिले हैं। किताब पढ़ने के बाद हमें मालूम चलेगा कि आखिर क्यों इस किताब को रोका गया था। हम भारत सरकार का धन्यवाद करना चाहते हैं, जिन्होंने इस किताब को दोबारा ओपन किया है।

इस किताब की एक खरीददार ने कहा है कि मेरा मानना ​​है कि जब तक आप इसे नहीं पढ़ेंगे, तब तक आप वास्तव में नहीं समझ पाएंगे कि समस्या क्या थी या इसमें क्या छिपाने वाली बात थी। इसलिए जब ऐसी कुछ किताबें आपकी नजर में आती हैं, तो यह अक्सर ज्ञानवर्धक होती है और फिर आप इसे पढ़ना चाहते हैं।

बुक स्टोर पर एक खरीदार ने कहा कि मैं इस किताब से खुद को जुड़ा हुआ महसूस करता हूं, क्योंकि इसके लेखक सलमान रुश्दी मेरे क्षेत्र कश्मीर से हैं। इस किताब को लेकर काफी विवाद हुआ था, यहां तक ​​कि उनके खिलाफ ‘फतवा’ भी जारी किया गया था। आज सुबह मैंने अखबारों में पढ़ा कि यह किताब फिर से चर्चा में है।

अन्य खरीददार ने कहा है कि वर्षों पहले इस पुस्तक पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। तत्कालीन सरकार ने पुस्तक के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। मुझे बहुत खुशी है कि पुस्तक एक बार फिर उपलब्ध है।

एक अन्य खरीददार ने कहा है कि मैंने इसे नहीं पढ़ा है, इसके बारे में मेरी जिज्ञासा है, बस यह जानने के लिए कि इसे क्यों प्रतिबंधित किया गया। इस किताब को लेकर इतना शोर क्यों मचा हुआ था, इसलिए शायद इसे पढ़ने के बाद मैं आपको इसके बारे में और अधिक बता सकूं।

इस किताब को लेकर जहां पाठकों में उत्सुकता बनी हुई है। वहीं, दूसरी ओर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने इस किताब को लेकर कहा है कि इस्लाम के दुश्मन और बदनाम लेखक सलमान रुश्दी की किताब ‘द सैटेनिक वर्सेज’ एक बार फिर बाजार में आने वाली है। 1988 में आई इस किताब को लेकर दुनियाभर के मुसलमानों ने विरोध जताते हुए किताब पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। भारत में तत्कालीन राजीव गांधी सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। अब किताब पर प्रतिबंध के मामले में अंतिम फैसला हो चुका है और प्रतिबंध हटा लिया गया है। इस किताब में इस्लाम के खिलाफ वो बातें लिखी गई हैं जो जुबान पर नहीं लाया जा सकता है। इसमें सनातनी देवी देवताओं के खिलाफ भी अपशब्द कहा गया है। मैं उन प्रकाशकों से अपील करता हूं कि वह इस किताब को न छापें। अगर कोई प्रकाशक किताब छापता है और इससे माहौल खराब होता है तो इसके लिए लेखक और पाठक दोनों जिम्मेदार होंगे। हम लोग इस किताब की बिक्री नहीं होने देंगे। मैं भारत सरकार से अपील करता हूं कि दोबारा से इस किताब पर पाबंदी लगाई जाए।

Leave feedback about this

  • Service