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एससीओ बैठक में पुतिन से मुलाकात के दौरान बोले जयशंकर- ‘आतंकवाद का खतरा पहले से कहीं अधिक गंभीर है’

"The threat of terrorism is more serious than ever," Jaishankar said during his meeting with Putin at the SCO meeting.

 

मास्को, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस पहुंचे हुए हैं। मंगलवार को एस जयशंकर एससीओ की बैठक में शामिल हुए, इस दौरान उन्होंने रूसी राष्ट्रपति से भी मुलाकात की। एस जयशंकर ने मुलाकात के दौरान आतंकवाद के खतरे पर चिंता जाहिर की।

विदेश मंत्री जयशंकर ने राष्ट्रपति पुतिन को आगामी वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन की तैयारियों से अवगत कराया। विदेश मंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख स्पष्ट किया और हाल ही में दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले पर भी प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, “हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) की स्थापना आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद की तीन बुराइयों से निपटने के लिए की गई थी। बीते वर्षों में ये खतरे और भी गंभीर हो गए हैं। यह जरूरी है कि दुनिया आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के प्रति शून्य सहिष्णुता दिखाए। इसका कोई औचित्य नहीं हो सकता, इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और इसे छुपाया नहीं जा सकता।” इसके साथ ही उन्होंने संगठन से जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने की अपील की।

विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि संगठन को समय के साथ बदलना होगा और अंग्रेजी को एससीओ की आधिकारिक भाषा बनाया जाना चाहिए। बता दें, एससीओ में फिलहाल रूसी और चीनी भाषा में ही काम होता है। वहीं एस जयशंकर ने एससीओ देशों को आपसी व्यापार और सहयोग बढ़ाने की जरूरतों पर भी प्रकाश डाला।

दूसरी ओर, विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि आज मास्को में रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करके सम्मानित महसूस किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिवादन पहुंचाया। उन्हें आगामी वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन की तैयारियों से अवगत कराया। क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी चर्चा की। हमारे संबंधों को और आगे बढ़ाने के लिए उनके दृष्टिकोण और मार्गदर्शन की मैं तहे दिल से सराहना करता हूं।

इससे पहले उन्होंने सोमवार को मास्को में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। जयशंकर ने इस मुलाकात के बाद कहा कि लावरोव से मिलकर खुशी हुई। व्यापार और निवेश, ऊर्जा, गतिशीलता, कृषि, प्रौद्योगिकी, संस्कृति और लोगों के बीच आदान-प्रदान सहित हमारी द्विपक्षीय साझेदारी पर चर्चा हुई।

 

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