January 6, 2025
Uttar Pradesh

बावड़ी की दीवारें हैं कमजोर हैं, ग‍िर भी सकती हैं : एएसआई

The walls of the stepwell are weak and may even collapse: ASI

संभल 3 जनवरी । संभल जिले के चंदौसी इलाके में स्थित प्राचीन बावड़ी की खुदाई को लेकर एएसआई (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। एएसआई अधिकारियों ने खुदाई में लगे मजदूरों को बावड़ी के अंदर की दीवारों की कमजोरी के बारे में चेतावनी दी और उन्हें सावधान रहने को कहा। अधिकारियों के अनुसार, बावड़ी की दीवारें कमजोर हो चुकी हैं, और उनका गिरना या धंसना संभव है, इससे मजदूरों को खतरा उत्पन्न हो सकता है।

यह बावड़ी राजा आत्माराम द्वारा 1730 में बनवाई गई थी, लेकिन लंबे समय से यह गुमनाम पड़ी थी और उस पर लोगों ने अतिक्रमण कर लिया था। हाल ही में इसकी खुदाई शुरू की गई, जिससे नए-नए खुलासे हो रहे हैं। खुदाई के दौरान, 25 फीट गहरी खुदाई के बाद दूसरी मंजिल का गेट सामने आया था, और सर्वे में यह संकेत मिले थे कि बावड़ी की दीवारों में खतरे के लक्षण हैं। इसके बाद, एएसआई अधिकारियों ने खुदाई रोक दी और मजदूरों को अंदर न जाने की चेतावनी दी।

एएसआई के अधिकारी राजेश कुमार मीणा ने कहा कि बावड़ी की दीवारें कमजोर हैं, जो कभी भी गिर सकती हैं या धंस सकती हैं, इससे किसी बड़े हादसे का खतरा हो सकता है। खुदाई के दौरान, मजदूरों ने बताया कि दूसरी मंजिल में रेत दिखाई दी है और दीवारें टूट रही हैं, साथ ही अंदर ऑक्सीजन की कमी भी है, जिससे गर्मी महसूस हो रही है।

इसके बाद, एएसआई ने बावड़ी में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी और सुरक्षा के दृष्टिकोण से अधिक सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। अब एएसआई अपनी टीम से आगे का काम कराएगी।

सनातन सेवक संघ के कौशल किशोर वंदे मातरम ने इस संबंध में आईएएनएस से बातचीत में बताया कि कल यहां पुरातत्व विभाग की टीम आई थी। जो प्रथम तल का अपना काम पूरा कर चुकी है। टीम जब जांच के ल‍िए अंदर गई, तो कुछ दीवारें क्षतिग्रस्त मिलीं। इसके अलावा, अंदर कुछ गैस भी निकल रही थी। हालांकि, वह जहरीली नहीं थी। पुरातत्व विभाग को स्पष्ट निर्देश था कि अभी अंदर कोई ना जाए। अभी सिर्फ इसकी सफाई की जाए। पुरातत्व विभाग अब कल दूसरे तल की खुदाई करेगा। इमारत कहीं कहीं धंस गई, जिसे देखते हुए अभी कुछ कामों को रोक द‍िया गया है।

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