शिवसेना (यूबीटी) की नेता एवं राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मंगलवार को चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए। उन्होंने लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची में एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) करवाने की बात कही।
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने आईएएनएस से कहा, “जिस तरह से एसआईआर की शुरुआत बिहार में हुई और मतदाता सूची से लोगों का नाम काटा गया, उसके बाद जिस भाषा में चुनाव आयोग बात कर रहा है, उससे साफ तौर पर दिख रहा है कि एसआईआर सही मायने में साफ रिकॉर्ड देने के लिए नहीं है, सिर्फ एक एजेंडा चलाने के लिए है।”
ओडिशा में एसआईआर कराने के सवाल पर उन्होंने कहा, “बिहार के बाद ओडिशा में एसआईआर लागू हो या फिर कहीं और हो, उम्मीद ये है कि अ-राजनैतिक, बिना पक्षपात किए, लोकतांत्रिक प्रक्रिया का इस्तेमाल करके इसकी कार्रवाई हो, न कि षड्यंत्र के तहत उन लोगों को हटा दिया जाए जिनकी आवाज नहीं है।”
उन्होंने कहा, “जिस तरीके से मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है, उनका दायित्व है कि विपक्ष कोई सवाल पूछ रहा है तो उसका जवाब दे, न कि खुलकर उनके खिलाफ ऐसी भाषा का इस्तेमाल करें, जो सत्ता पक्ष के कार्यालय द्वारा दिया गया भाषण लगे। आयोग ने वो तर्क रखे, जो उन्हें कभी नहीं देने चाहिए।”
शिवेसना (यूबीटी) नेता ने कहा, “आज चुनाव आयोग पर जो सवाल उठ रहे हैं, जनता के बीच आयोग के ऊपर से जो विश्वास उठ रहा है, तो पूछना पड़ेगा कि ऐसा क्यों है कि जनता आप पर भरोसा खो बैठी है। आपकी जिम्मेदारी और दायित्व बनता है कि वह सभी के प्रश्नों का जवाब दे। वहीं, विपक्ष जो सवाल पूछ रहा है, वह जनता का ही सवाल है।”
आगे की रणनीति के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, “इंडिया ब्लॉक की आगामी बैठक में जो भी निर्णय लिया जाएगा, उसे मीडिया के साथ साझा करेंगे। देश में एक तरफ वे लोग हैं, जो लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधान पर विश्वास करते हैं। वहीं, दूसरी तरफ वे लोग हैं, जो गैर-संवैधानिक तौर-तरीके से काम करते हैं, उपराष्ट्रपति से इस्तीफा लेते हैं, और उपराष्ट्रपति की गरिमा को कम करते हैं।”