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सुप्रीम कोर्ट में आज इन महत्वपूर्ण और चर्चित मामलों पर होगी सुनवाई

These important and discussed cases will be heard in the Supreme Court today

देश की सर्वोच्च अदालत में सोमवार को कई महत्वपूर्ण और चर्चित मामलों पर सुनवाई होगी। इन मामलों में राजनीतिक हस्तियों से जुड़े मुद्दों से लेकर संवैधानिक प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाएं शामिल हैं।

पहले मामले में सुप्रीम कोर्ट बॉम्बे हाईकोर्ट के वकील घनश्याम उपाध्याय की उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज ठाकरे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज ठाकरे ने हिंदी भाषी लोगों के खिलाफ नफरत फैलाने और हिंसा भड़काने वाले बयान दिए। इसमें 5 जुलाई को हुई राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की रैली का जिक्र किया गया है, जहां राज ठाकरे ने मराठी न बोलने वालों की पिटाई को सही ठहराते हुए कार्यकर्ताओं को उनके ‘कान के नीचे लगाने’ की सलाह दी थी।

दूसरे मामले में बिहार एसआईआर की प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर भी सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। पूर्णिया लोकसभा सीट से सांसद पप्पू यादव और टीएमसी नेता डेरेक बॉयन ने इस प्रक्रिया में आधार, राशन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र को मान्य दस्तावेज के रूप में शामिल करने की मांग की है। साथ ही प्रवासी मजदूरों को वर्चुअल माध्यम से इस प्रक्रिया में भाग लेने की सुविधा देने की भी अपील की गई है।

दूसरे मामले में पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से हाल ही में ओबीसी-ए और ओबीसी-बी श्रेणी में 140 समुदायों को शामिल करने के फैसले पर भी सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। इससे पहले 17 जून को कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इस नई सूची को अधिसूचित करने से रोक दिया था। ममता सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। 28 जुलाई को हुई पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को बड़ी राहत दी थी।

वहीं, चौथे मामले में कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की याचिका पर भी सुनवाई होगी, जिसमें उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग कानून (पीएमएलए) की धारा 50 और 63 को असंवैधानिक करार देने की मांग की है। बघेल का कहना है कि ये प्रावधान मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं, क्योंकि इनके तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को किसी भी व्यक्ति को समन करने और उसके खिलाफ बयान देने के लिए बाध्य करने का अधिकार मिलता है।

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