पंजाब की युवा पीढ़ी विदेशों में रहकर अपनी विरासत को भूल जाती है और बाद में अपने गांव या शहर की ओर भी नहीं आती। लेकिन नाभा ब्लॉक के गांव कांसूहा खुर्द में पिछले 23 सालों से अमेरिका में रह रहे एनआरआई गुरनाम सिंह अपनी विरासत और गांव को नहीं भूले हैं। गांव में आने के बाद गुरनाम सिंह लगातार गांव का विकास कर रहे हैं। गुरनाम सिंह ने गांव की सूरत बदलने के लिए 6 लाख से ज्यादा खर्च किए।
जिसमें गांव में खजूर के पेड़, ताड़ के पेड़, लाइटें और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जिसे देखकर हर ग्रामीण खुश नजर आ रहा है। गुरनाम सिंह ने कहा कि भले ही मैं लंबे समय से अमेरिका में बस गया हूं, लेकिन मैं अपनी विरासत को नहीं भूल सकता।
ये है नाभा ब्लॉक का कांसूहा खुर्द गांव। तस्वीरें देखकर आप हैरान रह जाएंगे। गांव की शक्ल किसी शहर से कम नहीं है। चारों ओर ताड़ और खजूर के पेड़ों के अलावा गांव को स्ट्रीट लाइटों, सीसीटीवी कैमरों से सुसज्जित किया गया है और हर दीवार और खंभे पर मां पंजाबी भाषा को बढ़ावा देने के नारे भी लिखे गए हैं। हालांकि गांव का एक युवक गुरनाम सिंह 23 वर्षों से अमेरिका में अच्छी तरह से बसा हुआ है, लेकिन उसने अपने गांव की उपेक्षा नहीं की है और वह गांव के विकास कार्यों में मदद करने के लिए हर साल वापस आता है। पूरा गांव गांव में हुए विकास के लिए प्रवासी भारतीयों को धन्यवाद देता नजर आ रहा है।
इस अवसर पर एनआरआई गुरनाम सिंह ने कहा कि मैं 23 वर्षों से अमेरिका में हूं और मैं अपने गांव व विरासत को नहीं भूल सकता, क्योंकि मैं पढ़-लिखकर वहीं बस गया हूं। मैं उसे कभी नहीं भूल सकता और जब भी गांव आता हूं तो गांव के विकास कार्यों के लिए पहल करता हूं और अब मैंने गांव के चारों ओर खजूर और खंजूरा के पेड़ लगाए हैं और युवा पीढ़ी को नशे से दूर रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि विदेश में बसे युवाओं को अपनी विरासत को नहीं भूलना चाहिए।
इस अवसर पर गांव कांसूहा खुर्द के सरपंच सतनाम सिंह सत्ती ने कहा कि वैसे तो पंजाब सरकार की ओर से गांव में काफी फंड आ रहा है, लेकिन एनआरआई गुरनाम सिंह लगातार गांव की नुहार बदलने के लिए लाखों रुपए खर्च कर रहे हैं। हम उन लोगों का तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हैं जो अपनी विरासत को याद रखने के लिए लाखों रुपए खर्च कर रहे हैं और अपने गांव को नहीं भूले हैं।
इस अवसर पर शिक्षा खंड अधिकारी जगजीत सिंह नौरा ने कहा कि एक समय था जब स्कूल तालाब का रूप लेता था और मछलियों का निवास स्थान था। लेकिन एनआरआई गुरनाम सिंह ने गांव की सूरत बदलने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
इस अवसर पर गांव निवासी निर्मल सिंह ने कहा कि गांव की नुहार बदलने के लिए गुरनाम सिंह द्वारा उठाया गया कदम बहुत ही सराहनीय कदम है। वे हर साल यहां आते हैं और गांव के विकास कार्यों पर लाखों रुपए खर्च करते हैं।
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