पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की डॉक्टर सुवर्णा गोस्वामी के बर्धमान से दार्जिलिंग ट्रांसफर किए जाने पर अब भाजपा नेता दिलीप घोष की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने अभया मामले में अपनी आवाज उठाई, उन्हें धमकाया गया।
भाजपा नेता दिलीप घोष ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “उस समय अभया मामले को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को डराने-धमकाने की कोशिश की गई थी। हालांकि, वे प्रयास असफल रहे। अब जब आंदोलन फिर से शुरू हो रहा है, तो विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वालों को निशाना बनाया जा रहा है। सरकार इस तरह से लोकतांत्रिक आंदोलनों को नहीं रोक सकती है। अभया मामले को लेकर समाज पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार के खिलाफ है, जब तक ये सरकार नहीं हटेगी, तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नक्सलवाद पर दिए गए बयान पर भाजपा नेता दिलीप घोष ने कहा, “अमित शाह के नेतृत्व में देश में आतंकवाद खत्म हो रहा है। अब बमों की आवाजें नहीं आतीं, बारूदी सुरंगें नहीं फटतीं। यह अच्छा है कि उन्होंने सीधे मुद्दे को उठाया है।”
उन्होंने कर्नाटक सरकार द्वारा भाजपा विधायकों को सस्पेंड किए जाने पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि ये (सरकार) लोग अनैतिक काम करते हैं। चाहे पश्चिम बंगाल हो या फिर कर्नाटक, अगर सरकार के खिलाफ आवाज उठाई जाती है, हमारे विधायकों को सस्पेंड कर दिया जाता है। विपक्ष का मुंह बंद करके अपनी राजनीति करना चाहते हैं और ऐसा हम होने नहीं देंगे। सदन से सड़क तक प्रदर्शन किया जाएगा।
दिलीप घोष ने कर्नाटक सरकार द्वारा मुस्लिम ठेकेदारों को आरक्षण दिए जाने पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “संविधान में धार्मिक आधार पर संरक्षण की कोई अनुमति नहीं है। पश्चिम बंगाल में भी अनैतिक काम किया गया है, यहां ओबीसी हिंदुओं को सेकंड क्लास कर दिया गया है और मुसलमान को फर्स्ट क्लास किया गया है। जो सरकारें हार रही हैं, वो मुस्लिम वोट पाने के लिए ये सब काम कर रही हैं। हम इस फैसले के खिलाफ आवाज उठाएंगे।”