बिहार के उप मुख्यमंत्री और भाजपा के नेता सम्राट चौधरी ने बुधवार को आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर इसे लोकतंत्र का काला अध्याय करार दिया। उन्होंने इशारों ही इशारों में राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि आपातकाल के विरोध में शुरू हुए आन्दोलन में जो लोग शामिल थे, आज वे कांग्रेस की गोद में कैसे खेल सकते हैं, यह सोचने का विषय है।
पत्रकारों से बातचीत में सम्राट चौधरी ने 1975 के आपातकाल को याद करते हुए कहा कि यह देश के संवैधानिक इतिहास का सबसे दुखद दौर था। सहायक वास्तुविदों को नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में शामिल होने के बाद उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह घोषणा की है कि बिहार विधानसभा चुनाव तक हम 12 लाख लोगों को नौकरी देंगे और सरकार इस पर काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि आज सभी विभागों के 101 वास्तुविदों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे आधारभूत संरचना को और सुगम किया जा सकेगा। उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने आपातकाल को लेकर कहा कि आज पूरा देश समझ रहा है कि कांग्रेस ने उस दौर में क्या किया था। उन्होंने इसे लोकतंत्र की हत्या और दुर्भाग्य का दिन बताया।
इधर, बिहार के मंत्री संतोष सिंह ने आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर कहा कि आने वाली पीढ़ी को यह बताना जरूरी है कि कांग्रेस का चाल चरित्र क्या था। आज ही के दिन लोकतंत्र में संविधान का गला घोंट दिया गया था। लोकतंत्र में आज से बड़ा कोई काला दिन नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को देश के संविधान से कोई मतलब नहीं है। ये देश को बांटने वाले लोग हैं। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर से भी इन्हें कोई मतलब नहीं है। उन्होंने यहां तक कहा कि ये इटली वाले लोग हैं जो भारत का कभी शुभ नहीं सोच सकते। ये लोग कभी देश के संविधान पर विश्वास नहीं कर सकते।
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