चेन्नई, 23 सितंबर । जंगली सुअरों को खेत में प्रवेश करने से रोकने के लिए अवैध रूप से लगाए गए बिजली के बाड़ की चपेट में आकर कक्षा सातवीं के छात्र सहित तीन लोगों की मौत हो गई।
यह घटना रविवार को तमिलनाडु के तिरुपथुर जिले के जोलारपेट शहर के पास येलागिरी पहाड़ियों की तलहटी में पेरुमपट्टू गांव में हुई।
पुलिस ने कहा कि मृतकों की पहचान आयुर्वेद चिकित्सक के. सिंगाराम (45), उनके बेटे एस. लोकेश (15) और एस. करीप्रियन (65) के रूप में की गई है, जो सिंगाराम के खेतों में काम करते थे।
मौके से एक देशी हथियार, विस्फोटक, टॉर्च और जाल भी बरामद किया गया।
सिंगाराम और उनका बेटा लोकेश जोलारपेट्टई शहर के पास मुक्कन्नूर गांव के हैं, जबकि करीप्रियन येलागिरी हिल्स के पेरुमपट्टू गांव के हैं।
पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद खुलासा किया कि सिंगाराम, उनके बेटे लोकेश और करीप्रियन रविवार तड़के खरगोश और चित्तीदार हिरण जैसे छोटे जंगली जानवरों का शिकार करने के लिए पहाड़ियों के आरक्षित जंगलों में गए थे।
वे आरक्षित वन से पेरुमापट्टू गांव में खेत की ओर लौट रहे थे, तभी गलती से उनका कदम अवैध बिजली की बाड़ पर पड़ गया।
पुलिस ने पाया कि जिस खेत में घटना घटी वह के. मुरुगन का है, जिन्होंने खेत को एक अन्य किसान एस. निधि को पट्टे पर दिया है।
पुलिस ने कहा कि निधि एक साल से अधिक समय से तीन एकड़ के खेत में खेती कर रहे हैं।
गौरतलब है कि गांव आरक्षित वन की तलहटी में स्थित है, इसलिए किसान ने जंगली जानवरों को फसलों को नष्ट करने से रोकने के लिए खेत के चारों ओर अवैध बिजली की बाड़ लगाई है।
गांव के मुखिया द्वारा सूचना दिए जाने के बाद करुसलीपेट्टू पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को पोस्टमार्टम के लिए तिरुपत्तूर शहर के सरकारी तालुक अस्पताल भेजा गया।