नई दिल्ली, 12 जनवरी । वर्तमान में गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) में 3 अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टॉक एक्सचेंज, 9 विदेशी सहित कुल 25 बैंक, 26 एयरक्राफ्ट लीजर्स और 80 फंड मैनेजर्स संचालित हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को वाइब्रेंट गुजरात समिट में यह जानकारी दी।
उनके मुताबिक बदलते गिफ्ट सिटी में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) कार्यरत हैं। यह दुनिया भर के निवेशकों के लिए भारत के दरवाजे खोलता है। इसके अलावा, गिफ्ट सिटी में शिप बिल्डिंग और लीजिंग गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के अनुरूप वातावरण तैयार किया गया है। इसके साथ ही, गिफ्ट सिटी में लगभग 50 सर्विस प्रोवाइडर और 40 फिनटेक एंटिटी भी कार्यरत हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि हाल ही में डिजिटल लेन-देन को गति देते हुए भारत ने स्केलिंग और स्पीड का पर्याय बन चुके यूपीआई पेमेंट सिस्टम के माध्यम से 2.3 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक लेनदेन का रिकॉर्ड बनाया था। उन्होंने कहा कि ग्रीन रिवॉल्यूशन में भारत की सक्रिय भूमिका के लिए जी 20 के देशों में सहमति बनी थी, और गिफ्ट सिटी इस संकल्पना को साकार करने वाला एक आदर्श स्थान बन गया है।
सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए कार्बन और ग्रीन क्रेडिट के विचार को गति देने के लिए भी गिफ्ट सिटी एक महत्वपूर्ण माध्यम बनेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि आगामी समय में यहां कार्बन और ग्रीन क्रेडिट की ट्रेडिंग होगी। आने वाले वर्षों में भारत ग्लोबल साउथ और पश्चिम के देशों के बीच एक महत्वपूर्ण ब्रिज बनेगा और गिफ्ट सिटी उसका प्रवेश द्वार बनेगी।
उन्होंने कहा कि गिफ्ट सिटी में एविएशन, डिफेंस, मेडिकल, फिनटेक, बैंकिंग और एजुकेशन जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए विशाल अवसरों की संभावनाएं मौजूद हैं।
सेमिनार में उपस्थित गुजरात के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई ने कहा कि गिफ्ट सिटी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘ब्रेन चाइल्ड’ प्रोजेक्ट है। इसके विकास के लिए वे लगातार प्रयासरत हैं। इतना ही नहीं, वे निरंतर मार्गदर्शन देकर गिफ्ट सिटी के विकास को और अधिक गतिशील बना रहे हैं।
उन्होंने निवेशकों का आह्वान किया कि वे गिफ्ट सिटी में आकर अधिकतम लाभ उठाएं। गिफ्ट सिटी के चेयरमैन हसमुख अधिया ने कहा कि भारत सरकार के श्रेष्ठ वित्तीय विनियमन के कारण गिफ्ट सिटी आज निवेशकों की पहली पसंद बन रही है। यहां संसाधनों की डिमांड उनकी सप्लाई से भी अधिक हो गई है, यही इसकी कार्य क्षमता का प्रमाण है।