February 24, 2025
National

महिलाओं के निजी वीडियो वायरल करने के मामले में तीन और गिरफ्तार, सीसीटीवी हैकिंग का खुलासा

Three more arrested for making private videos of women viral, CCTV hacking revealed

गुजरात पुलिस ने महिलाओं के निजी और न्यूड वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने और बेचने के मामले में तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी के साथ अब तक इस मामले में कुल छह आरोपी पकड़े जा चुके हैं। यह मामला गुजरात के राजकोट स्थित पायल मैटरनिटी नर्सिंग होम में इलाज के दौरान महिलाओं के निजी सीसीटीवी वीडियो लीक होने के बाद सामने आया था। इसके बाद अहमदाबाद पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने मामले की जांच शुरू की और पता चला कि यह पूरा रैकेट देशभर में फैला हुआ है।

पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने नर्सिंग होम के सीसीटीवी फुटेज के साथ-साथ अन्य सार्वजनिक स्थानों, जैसे कि मैरेज हाल, पार्लर, गंगा स्नान, महाकुंभ, और महिलाओं के स्नान के वीडियो भी बेचे थे। ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए जाते थे। अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने इस मामले में तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक आरोपी सूरत का और दो महाराष्ट्र के हैं। पहले तीन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अब इस मामले में साइबर क्राइम टीम को बड़ी सफलता मिली है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से दो आरोपी सीसीटीवी हैक करने का काम कर रहे थे, जबकि एक आरोपी इन फुटेज को मार्केटिंग कर पैसे कमाने का काम करता था।

पुलिस ने बताया कि ये आरोपी पिछले नौ महीने में लगभग 2500 सीसीटीवी हैक कर चुके हैं। इनमें से अधिकांश फुटेज अस्पतालों, बेडरूम, स्कूल, कॉलेज और निजी दफ्तरों से हैं, क्योंकि सोशल मीडिया पर विकृत मानसिकता वाले लोगों के बीच इनकी मांग ज्यादा थी। आरोपियों ने करीब दो साल पहले टेलीग्राम के माध्यम से हैकिंग तकनीक सीखी थी और इसके बाद से वे नियमित रूप से सीसीटीवी फुटेज हैक कर उन्हें वायरल करते थे। पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने सीसीटीवी फुटेज बेचकर अब तक सात से आठ लाख रुपये कमाए हैं। इन वीडियो को यूट्यूब और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जाता था, जहां वे सदस्यता-आधारित चैनल चलाते थे। जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ वीडियो बांग्लादेश स्थित इंस्टाग्राम आईडी पर भी वायरल हुए थे, जिससे यह भी संकेत मिलता है कि यह रैकेट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी फैल चुका था।

इस रैकेट में शामिल आरोपियों ने अस्पतालों, जिम, सार्वजनिक शौचालय और धार्मिक स्नान क्षेत्रों सहित अन्य निजी स्थानों के सीसीटीवी फुटेज को निशाना बनाया था। वे उन वीडियो को हैक कर वायरल करते थे और फिर विकृत मानसिकता वाले लोगों को बेचने के लिए इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड कर देते थे। पुलिस इस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है और आरोपियों से पूछताछ जारी है।

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